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    Raksha Bandhan 2025: जानिए कब है राखी का त्योहार, शुभ मुहूर्त और बोलना है क्या मंत्र

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 08:44 PM (IST)

    श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि (Raksha Bandhan 2025 date) को रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं की रक्षाबंधन किस तारीख को मनाया जाएगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है और क्या भद्रा का साया रक्षाबंधन पर रहेगा या नहीं। 

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    रक्षाबंधन पर बहनों को राखी बांधने के लिए मिलेगा करीब 8 घंटे का समय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षाबंधन के त्योहार पर भाई की कलाई पर बहाने रक्षा सूत्र बांधती हैं। इसके बदले में बहनों की रक्षा करने का वचन उनके भाई देते हैं। इसके साथ ही बहनों को उनके स्नेह के प्रतीक के रूप में भाई कुछ उपहार या पैसे भी देते हैं।

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    यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल 9 अगस्त 2025 के दिन राखी मनाई जाएगी। दरअसल, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 2:12 पर शुरू होगी। मगर, उदिया तिथि न होने के कारण 8 तारीख को रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाएगा।

    पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त को दोपहर 1:21 तक रहेगी। ऐसे में उदिया तिथि को लेते हुए रक्षाबंधन 9 अगस्त शनिवार के दिन मनाया जाएगा।

    Raksha Bandhan 2025 time

    नहीं रहेगा भद्रा का साया

    इस बार रक्षाबंधन के मौके पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 मिनट से 9 अगस्त को सुबह 1:52 मिनट पर रहेगा। ऐसे में 9 अगस्त को राखी के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा। इसलिए बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए करीब 8 घंटे का समय मिलेगा।

    रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat) सुबह 5:35 से दोपहर को 1:24 तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर को 12:00 बजे से 12:53 तक रहेगा।

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    राखी बांधते समय बोलें यह मंत्र

    एक थाली में राखी, रोली, चावल और मिठाई लेकर बहनें भाई के माथे पर पहले टीका करें। इसके बाद चावल माथे पर लगाएं। फिर भाई की कलाई पर राखी बांधें। इस दौरान बहनों को ये मंत्र (mantra for raksha bandhan) बोलना चाहिए…

    येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

    इसका अर्थ है कि जिस धागे या रक्षासूत्र से दानवों के महाबली राजा बलि को बांधा गया था। उसी धागे या रक्षासूत्र से मैं तुम्हें भी बांधती हूं। हे रक्षासूत्र तुम स्थिर रहना, तुम अडिग रहना। तुम मेरे भाई की रक्षा करते रहना।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।