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    Raksha Bandhan 2025: इस दिन भाई को बांधेंगी राखी तो होगा मंगल ही मंगल, यहां जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और योग

    By Digital Desk Edited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 06 Aug 2025 08:23 PM (IST)

    रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) एक उल्लासमयी हिंदू पर्व है जो भाई-बहन के अटूट और स्नेहमयी रिश्ते का उत्सव है। इसे श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन व्रत पूजन और राखी बाँधने की परंपरा निभाई जाती है। इस साल 09 अगस्त को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन मनाया जाएगा।

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    Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन का धार्मिक महत्व

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। रक्षा बंधन को आमतौर पर राखी कहा जाता है। यह भाई-बहन के प्यार का एक ऐसा त्योहार है जो कभी पुराना नहीं पड़ता। यह त्योहार भूगोल और संस्कृति की सीमाओं से भी आगे निकल जाता है। यह परिवारों को जोड़ने में मदद कर सकता है। मिठाइयों और तोहफों से आगे, यह त्योहार परंपराओं और मूल्यों में गहराई से जुड़ा हुआ है। इसका एक गहरा भावनात्मक रिश्ता होता है जो जिंदगी भर बना रहता है।

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    रक्षाबंधन 2025: परंपराएं, महत्व और शुभ मुहूर्त

    रक्षाबंधन केवल एक सूत्र या धागा नहीं है, यह प्रेम, कर्तव्य और जीवनभर की सुरक्षा का पवित्र प्रतीक है। इसे पूरे भारतवर्ष में और विश्वभर में बसे हिंदुओं द्वारा अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भाई और बहन के बीच के रिश्ते की दिव्यता और स्नेह को दर्शाता है। साल 2025 में रक्षाबंधन 9 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा। यह तिथि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ रही है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यंत शुभ मानी जाती है।

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    आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

    इस दिन की सबसे मुख्य रस्म होती है जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (पवित्र धागा) बांधती हैं। ये करते वक्त वो उनके अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के लिए मन ही मन दुआएं करती हैं। बदले में, भाई उन्हें तोहफे देते हैं और हर हाल में उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। ये दिखने में एक सीधी-सादी रस्म लगती है, लेकिन इसके पीछे बहुत गहरा आध्यात्मिक मतलब छिपा होता है। ये भरोसे, ज़िम्मेदारी और प्यार का प्रतीक होता है।

    शुभ मुहूर्त का महत्व

    राखी बांधने का सही मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह कार्य भद्रा काल जैसे अशुभ समय में नहीं करना चाहिए। नीचे शुभ समय की जानकारी दी जा रही है। यह समय भद्रा के प्रभाव से मुक्त है और राखी बांधने के लिए अति उत्तम माना गया है।

    • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे
    • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे
    • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: 9 अगस्त सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    यह अत्यंत फलदायक योग 8 अगस्त की दोपहर से श्रवण नक्षत्र के दौरान आरंभ हो रहा है और 9 अगस्त को श्रवण नक्षत्र की समाप्ति तक बना रहेगा। यह योग सभी कार्यों में सफलता और सिद्धि प्रदान करता है।

    सौभाग्य योग

    सौभाग्य और समृद्धि का यह शुभ योग 9 अगस्त की सुबह 4:08 बजे से आरंभ होकर अगले दिन तक बना रहेगा। यह योग परिवार और व्यक्तिगत जीवन में मंगलकारी ऊर्जा का संचार करता है।

    रक्षाबंधन पर रक्षा हेतु विशेष उपाय

    • मानसिक स्थिरता हेतु चंद्रदेव की पूजा करें।
    • भाई के जीवन से बाधाओं को दूर करने हेतु भगवान गणेश को प्रणाम करें।
    • गंगाजल या हल्दी मिश्रित जल से राखी को शुद्ध करें।
    • नजर दोष से बचाव हेतु सरसों के दाने या सूखी लाल मिर्च का प्रयोग करें।
    • भाई की रक्षा हेतु भगवान शिव का अभिषेक और पूजन करें।
    • इन सभी उपायों से रक्षाबंधन केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान का पर्व बन जाता है।

    सार

    रक्षाबंधन केवल एक धागा बांधने का अवसर नहीं है, यह प्रेम, प्रार्थना और सुरक्षा के अटूट बंधन को सुदृढ़ करने का दिन है। 9 अगस्त 2025 को मनाया जाने वाला यह पर्व परंपरा, भावनात्मक जुड़ाव और आध्यात्मिक ज्ञान का सुंदर संगम लेकर आ रहा है। सही मुहूर्त में विधिपूर्वक रक्षाबंधन मनाने से यह पर्व एक गहरे, पावन अनुभव में परिवर्तित हो सकता है।

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    लेखक: श्री आनंद सागर पाठक, Astropatri.com, फीडबैक के लिए लिखें: hello@astropatri.com