Radha Kund Snan 2025: किस दिन किया जाएगा राधा कुंड स्नान, यहां पढ़ें इस दिन का महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष पर की अष्टमी पर अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन पर राधा कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि ऐसा करने से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल राधा कुंड स्नान कब किया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अहोई अष्टमी के दिन मथुरा के गोवर्धन में स्थित राधा कुंड में स्नान (Radha Kund Snan Date 2025) करने का विशेष महत्व माना गया है। राधा कुंड गोवर्धन परिक्रमा का एक महत्वपूर्ण भाग है। अहोई अष्टमी के दिन शादीशुदा जोड़े इस कुंड में डुबकी लगाते हैं और राधा रानी से संतान की कामना करते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल राधा कुंड में स्नान का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।
राधा कुंड स्नान शुभ मुहूर्त (Snan shubh muhurat)
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर को रात 12 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 9 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, राधा कुंड स्नान सोमवार, 13 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन स्नान का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -
राधा कुंड स्नान मुहूर्त - रात 11 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट तक
राधा कुंड में स्नान करने का महत्व
ऐसी मान्यता है कि, जो भी साधक अहोई अष्टमी व्रत के दिन श्रद्धापूर्वक राधा कुंड में स्नान करता है या डुबकी लगाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वहीं अगर अहोई अष्टमी के दिन अर्ध रात्रि को निशिता काल में इस कुंड में स्नान किया जाए, तो इससे साधक की संतान प्राप्ति की इच्छा भी पूरी हो सकती है।
साथ ही यह भी मान्यता है कि राधा कुंड में स्नान करने से साधक को राधा रानी के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी कृपा की प्राप्ति होती है। इसी कारण से अहोई अष्टमी व्रत के दिन निसंतान जोड़े यहां डुबकी लगाने आते हैं। जब किसी जोड़े की संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो जाती है, तो वह दोबारा इस कुंड में आकर स्नान करते हैं और राधा रानी जी का धन्यवाद प्रकट करते हैं।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
इस तरह करें स्नान
संतान प्राप्ति की मनोकामना के लिए स्नान करने वाले जोड़े को पूरे दिन व्रत करते हैं और मध्य रात्रि यानी निशिता काल में कुंड में स्नान करते हैं। इस दौरान कच्चा सफेद कद्दू जिसे पेठा कहा जाता है, को एक लाल कपड़े में बांधकर अपने हाथों में रखते हैं। राधा रानी का ध्यान करते हैं और मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं। इसके बाद यह पेठा राधा रानी को अर्पित किया है।
यह भी पढ़ें - Karwa Chauth 2025 Date: 09 या 10 अक्टूबर, कब है करवा चौथ व्रत? अभी नोट करें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
यह भी पढ़ें- Budh Gochar 2025: 15 सितंबर से इन राशियों का घूमेगा किस्मत का पहिया, पैसों की तंगी से मिलेगी निजात
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।