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    Ahoi Ashtami 2025: अक्टूबर में इस दिन किया जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत, नोट कर लें डेट

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:21 AM (IST)

    माना जाता है कि अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2025) का व्रत करने से संतान को दीर्घायु और अच्छे भविष्य का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पर व्रत करने वाली महिलाओं द्वारा अहोई माता की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त और इस व्रत से जुड़ी कुछ खास बातें।

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    Ahoi Ashtami 2025 जानें अहोई अष्टमी व्रत का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर किया जाता है। यह व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद आता है। इस दिन पर माताएं अपनी संतान के स्वास्थ्य व उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है और  तारों को अर्घ्य देने के बाद पारण किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल यह व्रत कब किया जाएगा।

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    अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami Shubh Muhurat)

    कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को रात 12 बजकर 24 मिनट पर होने जा रही है। वहीं इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 9 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, अहोई अष्टमी का व्रत सोमवार, 13 अक्टूबर को किया जाएगा। ऐसे में शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

    • अहोई अष्टमी की पूजा का मुहूर्त - शाम 5 बजकर 53 मिनट से शाम 7 बजकर 8 मिनट तक
    • तारों को देखने का समय - शाम 6 बजकर 17 मिनट तक
    • अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय समय - रात 11 बजकर 20 मिनट पर

    अहोई अष्टमी का महत्व (Ahoi Ashtami Importance)

    माताएं अपनी संतान की सुरक्षा और सफल जीवन के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। यह एक कठिन व्रत है, क्योंकि इसे निर्जला रखा जाता है। ऐसा माना गया है कि इस व्रत को करने से अहोई माता संतान को लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। वहीं निसंतान महिलाओं को इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति हो सकती है।

    जरूर करें ये काम

    अहोई अष्टमी के दिन सबसे पहले समस्त शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। इसके बाद अहोई अष्टमी की व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें। कथा सुनते समय अपने हाथ में सात प्रकार के अनाज रखें और कथा पूरी होने पर इसे गाय को खिला दें। इसके साथ ही व्रत कथा का पाठ करते समय अपनी संतान को अपने पास बिठाएं और पूजा के बाद सबसे पहले संतान को प्रसाद दें।

    (Picture Credit: Freepik)

    रखें इन बातों का ध्यान (Ahoi Ashtami ke Niyam)

    अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी से जुड़ा कोई भी कार्य करना और नुकीली चीजों जैसे सुई आदि के इस्तेमाल करना शुभ नहीं माना गया। अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देते समय स्टील से बने लोटे का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसी के साथ इस दिन पर लड़ाई-झगड़ा करने, किसी का अपमान करने या मन में नकारात्मक विचार लाने जैसे कार्यों से भी बचना चाहिए, वरना आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।