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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर इस तरह करें शिव जी की कृपा प्राप्त, दूर होंगे सभी दुख-दर्द

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 06:23 PM (IST)

    वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत शुक्रवार 25 अप्रैल को किया जाएगा जिसे शुक्र प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2025) भी कहा जाता है। यह तिथि देवों के देव महादेव की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम मानी गई है। ऐसे में आप प्रदोष व्रत के दिन ये खास उपाय कर शिव जी की कृपा के पात्र बन सकते हैं।

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    shukra Pradosh Vrat 2025 (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत आता है, एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। इस दिन पर शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में आप शुक्र प्रदोष व्रत के दिन विधिवत रूप से शिव जी की पूजा-अर्चना करें और नटराज स्तुति का पाठ भी जरूर करें।

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

    वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 26 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत शुक्रवार 25 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है -

    प्रदोष पूजा मुहूर्त - शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 9 बजकर 13 मिनट तक

    कृपा प्राप्ति के लिए करें ये काम

    प्रदोष व्रत के दिन आप शिव जी को सफेद रंग की चीजों का भोग लगा सकते हैं। इसी के साथ प्रदोष व्रत के दिन सफेद रंग के वस्त्र, अनाज, काले तिल, और धन आदि का दान कर सकते हैं। इन सभी कार्यों को करने से आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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    करें इस स्तोत्र का पाठ

    प्रदोष व्रत के दिन शिव जी कृपा प्राप्ति के लिए आप नटराज स्तुति पाठ का पाठ कर सकते हैं। यह स्तुति सरह, लेकिन काफी लाभकारी है। ऐसे में आप प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा के दौरान नटराज जी की मूर्ति के समक्ष बैठकर इस स्तुति का पाठ जरूर करें। इससे आपको शिव जी की कृपा की प्राप्ति होती है और जीवन सुखमय बना रहता है।

    (Picture Credit: Freepik)

    ।।संपूर्ण नटराज स्तुति पाठ।।

    सत सृष्टि तांडव रचयिता

    नटराज राज नमो नमः…

    हेआद्य गुरु शंकर पिता

    नटराज राज नमो नमः…

    गंभीर नाद मृदंगना धबके उरे ब्रह्माडना

    नित होत नाद प्रचंडना

    नटराज राज नमो नमः…

    शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां

    विषनाग माला कंठ मां

    नटराज राज नमो नमः…

    तवशक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता

    चहु वेद गाए संहिता

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।