Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, खुलेंगे सफलता के रास्ते
सनातन धर्म में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। शिव पुराण में महादेव की महिमा देखने को मिलती है। भगवान शिव को हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि समर्पित है। इस दिन महादेव की उपासना संध्याकाल में करने का विधान है। आइए जानते हैं कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को शुभ माना जाता है। इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा संध्याकाल में होती है और जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। साथ ही विशेष चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महादेव का अभिषेक करने से सफलता के रास्ते खुलते हैं। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं
- प्रदोष व्रत की शुभ तिथि पर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा के समय शिवलिंग पर जल और घी (Shivling Par Kya Chadhana Chahiye) अर्पित करें। इस दौरान प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा साधक पर बनी रहती है।
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- जीवन में खुशियों का आगमन के लिए प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि शवलिंग का इन चीजों से अभिषेक करने से बिजनेस में बढ़ोतरी होती है और रुके हुए काम पूरे होते हैं। साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं।
भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें
- शिवलिंग पूजा के समय नियम का पालन करना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी के पत्ते, हल्दी और सिंदूर अर्पित करने की मनाही है। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करने से जीवन में कई तरह की समस्या आ सकती है।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की 25 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 26 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 27 मिनट पर होगा। इस प्रकार 25 अप्रैल को प्रदोष व्रत किया जाएगा।महादेव की पूजा करने का समय शाम 06 बजकर 33 मिनट से 09 बजकर 03 मिनट तक है।
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 19 मिनट से 05 बजकर 02 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 52 मिनट से शाम 07 बजकर 13 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 40 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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