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    Pradosh Vrat 2025: किस प्रदोष व्रत को करने से मिलता है कौन-सा फल, यहां जानें

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 01:49 PM (IST)

    प्रदोष का व्रत प्रत्येक माह में आने वाली दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। इस प्रकार एकादशी की तरह की साल में 24 प्रदोष व्रत भी किए जाते हैं। इस दिन प्रदोष काल में महादेव की आराधना का विधान है। विधि-विधानपूर्वक प्रदोष व्रत करने वाले साधक को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।

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    Pradosh Vrat 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत का महात्म्य पुराणों में भी बताया गया है। प्रदोष व्रत स्त्री व पुरुष दोनों ही द्वारा किया जा सकता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति द्वारा जाने या अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। अगर इस व्रत को विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाए, तो उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। 

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    जिस दिन पर प्रदोष व्रत पड़ता है, उसे उसी नाम से पुकारा जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ा है, तो उसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कौन-सा प्रदोष व्रत करने सा साधक को कौन-सा फल प्राप्त हो सकता है।

    किसी व्रत से मिलता है कौन-सा फल

    • रवि प्रदोष व्रत - इस व्रत को करने से व्यक्ति को लंबी उम्र का वरदान मिलता है। साथ ही स्वास्थ्य में भी लाभ होता है।
    • सोम प्रदोष व्रत - सोम प्रदोष व्रत करने वाले साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
    • भौम प्रदोष व्रत - मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
    • बुध प्रदोष व्रत - इस व्रत करने से साधक को महादेव की कृपा से अपनी इच्छा अनुसार फल की प्राप्ति होती है।

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    • गुरु प्रदोष व्रत - गुरु प्रदोष व्रत करने से साधक को अपने दुश्मनों से छुटकारा मिलता है।
    • शुक्र प्रदोष व्रत - शुक्रवार के दिन पड़ने वाले इस प्रदोष व्रत को करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
    • शनि प्रदोष व्रत - शनि प्रदोष व्रत करने से साधक को शनि की बाधा से तो मुक्ति मिलती ही है। साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत उत्तम माना गया है।

    (Picture Credit: Freepik)

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।