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    Pradosh Vrat 2025: अगस्त महीने में कब-कब है प्रदोष व्रत? यहां पता करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 27 Jul 2025 04:57 PM (IST)

    भाद्रपद महीने (Pradosh Vrat 2025) में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से अगले दस दिनों यानी अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी तिथि पर भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है।

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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अगस्त का महीना बेहद खास रहने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें सावन महीने का अंतिम सोमवार, मंगला गौरी व्रत, पुत्रदा एकादशी और रक्षाबंधन पहले दस दिन में मनाए जाएंगे। इसके बाद भाद्रपद महीने में कृष्ण जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी समेत कई अन्य प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे।

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    इसके साथ ही सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाएगी। आइए, अगस्त महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 06 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 08 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 07 अगस्त को त्रयोदशी तिथि दोपहर 02 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के लिए शुभ समय शाम 06 बजकर 32 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 41 मिनट तक है। बुधवार के दिन पड़ने के चलते यह बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा।

    यह भी पढ़ें- Pradosh Vrat 2025: कब मनाया जाएगा सावन महीने का अंतिम प्रदोष व्रत? यहां पता करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    भाद्रपद महीने की शुरुआत 10 अगस्त से हो रही है। इस माह में प्रदोष व्रत 20 अगस्त को मनाया जाएगा। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 21 अगस्त को त्रयोदशी तिथि दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी।

    त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। इसके लिए 20 जुलाई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 33 मिनट तक है। बुधवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।