Pradosh Vrat 2025: शुक्र प्रदोष व्रत पर रखें इन बातों का ध्यान, शिव जी की कृपा से दूर होंगे सभी कष्ट
वैशाख माह का प्रदोष व्रत शुक्रवार 25 अप्रैल को किया जाएगा। शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2025) भी कह सकते हैं। इस दिन पर विशेष रूप से महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन इन बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल मिल सके।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है, जो पूर्ण रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 58 मिनट से रात 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
भूल से भी न करें ये काम
प्रदोष व्रत करने वाले साधक को इस दिन पर नमक का सेवन करने से बचना चाहिए। आप इस दिन पर फल और जल का सेवन कर सकते हैं। व्रत न करने वाले साधक को भी इस दिन मांस-मदिरा आदि से दूरी बनानी चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
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न करें ये गलती
प्रदोष व्रत की पूजा में काले रंग के कपड़े न पहनें। इसी के साथ प्रदोष व्रत की पूजा में भूल से भी शिवलिंग पर टूटे हुए चावल, तुलसी, सिंदूर, हल्दी या फिर नारियल अर्पित न करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर ये सभी चीजें चढ़ाना वर्जित माना गया है।
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नहीं मिलता फल
प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान अपने मन में किसी तरह का नकारात्मक विचार न लाएं। इस दिन पर अगर आप झगड़ा करते हैं, झूठ बोलते हैं या फिर किसी का अहित करते हैं, तो इससे भी व्यक्ति को व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता।
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इस तरह करें पूजा
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की कृपा के लिए पूजा के दौरान शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से अभिषेक करें। इसी के साथ शिव जी को बेलपत्र, फल, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें। इस दिन पर आप शिव चालीसा के साथ-साथ शिव जी के मंत्रों का भी जप कर सकते हैं। महादेव को खीर, दही या फिर सूजी के हलवे का भोग लगाएं और घी का दीपक जलाकर शिव जी की आरती करें।
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