Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pradosh Vrat 2025: भाद्रपद महीने के पहले प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 05:39 PM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) किया जाता है। इस दिन महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है और शिवलिंग का विशेष चीजों से अभिषेक किया जाता है। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

    Hero Image
    प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को कैसे करें प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष व्रत 20 अगस्त (Pradosh Vrat 2025 Date) को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर आप भी प्रदोष व्रत के दिन महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन सुबह स्नान करने के बाद शिवलिंग पर विशेष चीजें अर्पित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिवलिंग का अभिषेक करने से साधक की किस्मत चमक सकती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

    शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं

    प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करें और शिवलिंग पर जल और घी अर्पित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिवलिंग (Shivling Par Kya Chadhana Chahiye) पर जल और घी को चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और रुके हुए काम पूरे होते हैं। साधक को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    अगर आप अपना जीवन खुशहाल चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का दूध, दही, शहद से अभिषेक करें। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से भगवान शिव सभी मुरादें पूरी करते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है।

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के आधार पर त्रयोदशी तिथि की शुरुआत दोपहर 01 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 21 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष व्रत 20 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का समय शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 07 मिनट तक है।

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 56 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 09 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 17 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Pradosh Vrat 2025: किस प्रदोष व्रत को करने से मिलता है कौन-सा फल, यहां जानें

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।