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    Pitru Paksha 2025: क्यों है पितृ पक्ष में पीपल के नीचे दीपक जलाने का महत्व? जानें वजह

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 02:36 PM (IST)

    पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की अवधि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। इस दौरान पितृ धरती लोक पर आते हैं और लोग उनका श्राद्ध तर्पण पिंडदान जैसे प्रमुख अनुष्ठान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में किए गए इन कार्यों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

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    Pitru Paksha 2025: दीपक जलाने के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से यानी कल से हो रही है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इन सभी महत्वपूर्ण अनुष्ठान में से एक पितरों के नाम से पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) में पितृ धरती लोक पर आते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं, तो आइए इस दौरान पीपल के नीचे दीपक क्यों जलाया जाता है इस आर्टिकल में जानते हैं?

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    पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का महत्व

    हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को बहुत पवित्र माना गया है। शास्त्रों में पीपल को भगवान विष्णु का ही रूप बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस पेड़ की जड़ में भगवान ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु और पत्तियों में भगवान शिव का वास होता है। इसके साथ ही, यह भी माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ पीपल के पेड़ पर ही निवास करते हैं।

    इसलिए इस दौरान पीपल के पेड़ की पूजा और इसके नीचे दीपक जलाने का बड़ा महत्व है। ऐसा करने से पितरों की कृपा मिलती है।

    दीपक जलाने के फायदे

    माना जाता है कि पीपल के नीचे दीपक जलाने से पितृ देव खुश होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    इसके साथ ही सुख, समृद्धि और अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा कुंडली में स्थित पितृ दोष का प्रभाव भी कम होता है।

    दीपक जलाने का सही तरीका

    पितृ पक्ष में हर दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ होता है। आप सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। दीपक जलाते समय अपने पितरों को याद करें और उनसे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हुए आशीर्वाद की प्रार्थना करें। इसके साथ ही अपने पितरों के नाम से कुछ दान और दक्षिणा करें। ऐसा करने से सभी कष्टों का अंत होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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