Sai Baba Ki Aarti: गुरुवार को साईं बाबा की पूजा के समय करें ये आरती, दूर होंगे सभी दुख और संताप
धार्मिक मत है कि साईं बाबा की पूजा-उपासना करने वाले साधकों की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र अवश्य ही पूर्ण होती हैं। साथ ही बिगड़े काम बन जाते हैं। अतः साधक गुरुवार के दिन साईं बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी साईं बाबा की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन विधि-विधान से बाबा की पूजा करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sai Baba Ki Aarti: साईं बाबा के उपासकों के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास होता है। इस दिन साधक अपने आराध्य साईं बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही साईं बाबा के निमित्त व्रत रखते हैं। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करते हैं। इसके लिए गुरुवार के दिन साईं मंदिर के दर पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। साधक बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। धार्मिक मत है कि बाबा के दर पर आने वाले साधकों की सभी मनोकामनाएं अवश्य ही पूर्ण होती हैं। साथ ही बिगड़े काम बन जाते हैं। अतः साधक गुरुवार के दिन साईं बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी साईं बाबा की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन विधि-विधान से बाबा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ये आरती जरूर करें।
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1. साईं बाबा की आरती
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अव-तरे, ॐ जय साईं हरे।
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे॥
दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे।
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे॥
काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे।
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे॥
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे।
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे॥
भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे।
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥
श्री सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय॥
2. साईं बाबा आरती
आरती श्री साई गुरुवर की परमानन्द सदा सुरवर की ।
जाके कृपा विपुल सुख कारी दुःख शोक संकट भ्ररहारी।।
शिर्डी में अवतार रचाया चमत्कार से तत्व दिखाया।
कितने भक्त शरण में आए वे सुख़ शांति निरंतर पाए ।।
भाव धरे जो मन मैं जैसा साई का अनुभव हो वैसा।
गुरु को उदी लगावे तन को समाधान लाभत उस तन को।।
साईं नाम सदा जो गावे सो फल जग में साश्वत पावे।
गुरुवार सदा करे पूजा सेवा उस पर कृपा करत गुरु देवा।।
राम कृष्ण हनुमान रूप में दे दर्शन जानत जो मन में।
विविध धरम के सेवक आते दर्शनकर इचित फल पाते।।
जय बोलो साई बाबा की ,जय बोलो अवधूत गुरु की।
साई की आरती जो कोई गावे घर में बसी सुख़ मंगल पावे ।।
अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक राजा धिराज योगी राज ,जय जय जय साई बाबा की।।
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