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    Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जी की पूजा करने से क्यों कम होता है साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव

    हनुमान जी हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख देवताओं में से एक माने गए हैं। साथ ही वह भगवान श्री राम के परम भक्त के रूप में भी जाने जाते हैं। पवनपुत्र हनुमान जी की आराधना के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। अप्रैल में जल्द ही हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा। यह दिन हनुमान जी के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 09 Apr 2024 03:03 PM (IST)
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    Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जी की पूजा करने से क्यों कम होता है शनि का प्रभाव।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Jayanti 2024: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, साढ़े साती या फिर ढैय्या से प्रभावित लोगों को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि जो भी व्यक्ति हनुमान जी की आराधना करता है उसे शनि की पीढ़ा से काफी हद तक राहत मिल सकती है। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं। अगर नहीं, तो यहां पढ़ें पौराणिक कथा।

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    हनुमान जंयती शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti Shubh Muhurat)

    चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ 23 अप्रैल, 2024 को प्रातः 03 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है। वहीं यह तिथि 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05 बजकर 18 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में हनुमान जयन्ती का पर्व 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

    यह भी पढ़ें - Hanuman Jayanti 2024: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती? बड़ी ही खास है वजह

    इसलिए नहीं सताती शनि की पीढ़ा

    पौराणिक कथा के अनुसार, जब हनुमान जी, माता सीता की खोज में लंका पहुंचे, तो वहां उन्होंने पाया कि रावण ने कारागृह में शनिदेव को बंदी बनाया हुआ था। तब शनिदेव ने हनुमान जी को बताया कि रावण ने अपनी शक्ति के बल पर अन्य ग्रहों को भी बंदी बनाया हुआ है। इसके बाद हनुमान जी ने शनिदेव को मुक्त करवाया, जिससे शनिदेव प्रसन्न हुए और उन्होंने हनुमान जी को कोई वरदान मांगने को कहा।

    इसपर बजरंगबली ने कहा कि जो भी भक्त मेरी आराधना करेगा, उसपर आपके (शनिदेव) अशुभ फलों का प्रभाव नहीं पड़ेगा। तभी से यह माना जाता है कि जो भी भक्त हनुमान जी की आराधना करते हैं, उनपर शनिदेव की वक्र दृष्टि का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए जो भक्त सच्चे मन से हनुमाज जी की पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें शनि की साढ़े साती और ढैय्या के कारण होने वाली समस्याओं से राहत मिल सकती है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'