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    Shani Sade Sati: मकर राशि के जातक साढ़े साती से बचाव के लिए करें ये उपाय, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि

    Shani Sade Sati मकर राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। अतः शनिदेव की नियमित रूप से पूजा करें। शनिवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद पीपल की जड़ में काले तिल मिश्रित जल अर्पित करें। इसके पश्चात विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करें। पूजा के समय शनि चालीसा का पाठ करें।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 21 Sep 2023 12:58 PM (IST)
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    Shani Sade Sati: मकर राशि के जातक साढ़े साती से बचाव के लिए करें ये उपाय

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Shani Sade Sati: शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति हेतु उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। शनिदेव की कृपा से जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो वर्तमान समय में मकर राशि में साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। साढ़े साती के दौरान जातक को जीवन में कई प्रकर की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं, अंतिम चरण में शनिदेव की कृपा-दृष्टि जातक पर अवश्य पड़ती है। अगर आप मकर राशि के जातक हैं, तो साढ़े साती के बुरे प्रभाव से बचाव के लिए ये उपाय अवश्य करें। आइए उपाय जानते हैं-

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    साढ़े साती

    ज्योतिष पंचांग के अनुसार, वर्तमान समय में शनि वक्री चाल चल रहे हैं। 4 नवंबर को शनि देव कुंभ राशि में मार्गी होंगे। शनि के मार्गी होने पर राशिचक्र की सभी राशियों पर अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। मकर राशि के जातकों को 29 मार्च, 2025 को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी।

    साढ़े साती के उपाय

    • मकर राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। अतः शनिदेव की नियमित रूप से पूजा करें। शनिवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद पीपल की जड़ में काले तिल मिश्रित जल अर्पित करें। इसके पश्चात, विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करें। पूजा के समय शनि चालीसा का पाठ करें।
    • शनिवार के दिन दान करने का भी विधान है। अतः साढ़े साती के बुरे प्रभाव से बचाव के लिए शनिवार को लोहे के पात्र में सरसों का तेल भरकर दान करें। इस उपाय को करने से भी शनिदेव की कृपा बरसती है। शनिवार के दिन शनिदेव को पूजा के समय नीले रंग का फूल अर्पित करें। इस समय भूल चूक के लिए क्षमा याचना करें।
    • मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद निकटतम हनुमान मंदिर जाकर बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करें। इस समय हनुमान जी को प्रणाम कर कम से कम 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
    • सोमवार का दिन शिवजी को समर्पित होता है। अतः सोमवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद गंगाजल में काले तिल, शहद, सुगंध और बेलपत्र मिलकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस समय सुख-समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।