Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganesh Tekdi Mandir: जानें, नागपुर के 350 साल पुराने प्रसिद्ध गणेश पहाड़ी मंदिर का इतिहास और महत्व

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 01:38 PM (IST)

    Ganesh Tekdi Mandir सीताबर्डी इलाके के पहाड़ी इलाके में अंग्रेजों और भोसले के बीच लड़ाई हुई थी। इस पहाड़ी पर भगवान गणेश का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि भोसले राजा नाव से गणेश जी के दर्शन करने जाते थे क्योंकि पास की शुक्रवारी झील का पानी पहाड़ी तक आ जाता था। अब शहरीकरण के कारण झील का पानी मंदिर तक नहीं रह गया है।

    Hero Image
    Ganesh Tekdi Mandir: जानें, नागपुर के 350 साल पुराने प्रसिद्ध गणेश पहाड़ी मंदिर का इतिहास और महत्व

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ganesh Tekdi Mandir: प्रसिद्ध गणेश हिल मंदिर नागपुर के सीताबर्डी इलाके में स्थित है। यह मंदिर भोसले कालीन है। इस मंदिर में भगवान गणेश की 350 साल पुरानी मूर्ति है। यह मूर्ति एक पीपल पेड़ के नीचे स्थित है। इस मंदिर में भक्तों को एक ही समय में भगवान विष्णु और गणेश की पूजा और दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंदिर का इतिहास

    सीताबर्डी इलाके के पहाड़ी इलाके में अंग्रेजों और भोसले के बीच लड़ाई हुई थी। इस पहाड़ी पर भगवान गणेश का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि भोसले राजा नाव से गणेश जी के दर्शन करने जाते थे, क्योंकि पास की शुक्रवारी झील का पानी पहाड़ी तक आ जाता था। अब शहरीकरण के कारण झील का पानी मंदिर तक नहीं रह गया है। साथ ही अब मंदिर का परिसर भी बड़ा कर दिया गया है।

    यह भी पढ़ें- Shani Sade Sati: मीन राशि के जातक साढ़े साती से बचाव हेतु करें ये उपाय, प्राप्त होगा शनि देव का आशीर्वाद

    मान्यता

    भक्तों का मानना ​​है कि गणपति, जो नागपुर वासियों के आराध्य देवता हैं, मन्नत लेते हैं। गणेश चतुर्थी पर यहां हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा भी नागपुर के इस गणेश पहाड़ी मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इसी क्षेत्र में एक और गणपति हैं, जिन्हें फौजी गणपति के नाम से जाना जाता है। पहाड़ी गणेश की आरती दिन में चार बार की जाती है, जो यहां का विशेष आकर्षण है। इस आरती में हर जाति और धर्म के लोग शामिल होते हैं।

    स्वयंभू मूर्ति

    गणेश की स्वयंभू मूर्ति दाहिनी सूंड वाली है और पहले दो पैर, चार हाथ, सिर, धड़ दिखाई देते थे लेकिन शेंद्र के पुट के कारण हाल के दिनों में मूर्ति दिखाई नहीं दे रही है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।