Ganesh Tekdi Mandir: जानें, नागपुर के 350 साल पुराने प्रसिद्ध गणेश पहाड़ी मंदिर का इतिहास और महत्व
Ganesh Tekdi Mandir सीताबर्डी इलाके के पहाड़ी इलाके में अंग्रेजों और भोसले के बीच लड़ाई हुई थी। इस पहाड़ी पर भगवान गणेश का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि भोसले राजा नाव से गणेश जी के दर्शन करने जाते थे क्योंकि पास की शुक्रवारी झील का पानी पहाड़ी तक आ जाता था। अब शहरीकरण के कारण झील का पानी मंदिर तक नहीं रह गया है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ganesh Tekdi Mandir: प्रसिद्ध गणेश हिल मंदिर नागपुर के सीताबर्डी इलाके में स्थित है। यह मंदिर भोसले कालीन है। इस मंदिर में भगवान गणेश की 350 साल पुरानी मूर्ति है। यह मूर्ति एक पीपल पेड़ के नीचे स्थित है। इस मंदिर में भक्तों को एक ही समय में भगवान विष्णु और गणेश की पूजा और दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है।
मंदिर का इतिहास
सीताबर्डी इलाके के पहाड़ी इलाके में अंग्रेजों और भोसले के बीच लड़ाई हुई थी। इस पहाड़ी पर भगवान गणेश का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि भोसले राजा नाव से गणेश जी के दर्शन करने जाते थे, क्योंकि पास की शुक्रवारी झील का पानी पहाड़ी तक आ जाता था। अब शहरीकरण के कारण झील का पानी मंदिर तक नहीं रह गया है। साथ ही अब मंदिर का परिसर भी बड़ा कर दिया गया है।
मान्यता
भक्तों का मानना है कि गणपति, जो नागपुर वासियों के आराध्य देवता हैं, मन्नत लेते हैं। गणेश चतुर्थी पर यहां हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा भी नागपुर के इस गणेश पहाड़ी मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इसी क्षेत्र में एक और गणपति हैं, जिन्हें फौजी गणपति के नाम से जाना जाता है। पहाड़ी गणेश की आरती दिन में चार बार की जाती है, जो यहां का विशेष आकर्षण है। इस आरती में हर जाति और धर्म के लोग शामिल होते हैं।
स्वयंभू मूर्ति
गणेश की स्वयंभू मूर्ति दाहिनी सूंड वाली है और पहले दो पैर, चार हाथ, सिर, धड़ दिखाई देते थे लेकिन शेंद्र के पुट के कारण हाल के दिनों में मूर्ति दिखाई नहीं दे रही है।
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