Paush Purnima 2025: 13 या 14 जनवरी, कब है पौष पूर्णिमा? एक क्लिक में दूर करें डेट की कन्फ्यूजन
पौष माह की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा (Paush Purnima 2025) के नाम से जाना जाता है। इस तिथि को अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पौष पूर्णिमा के दिन से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। पूर्णिमा तिथि पर श्रीहरि के संग मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Purnima 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। हर साल पौष पूर्णिमा को साधक अधिक उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि गंगा स्नान और उपासना करने से व्यक्ति को पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। मां लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ के योग बनते हैं।
इस बार पौष पूर्णिमा की डेट को लेकर लोग अधिक कन्फ्यूज हो रहे हैं। कुछ लोग पौष पूर्णिमा 13 जनवरी (Paush Purnima 2025 Date) की बता रहे हैं। वहीं, कुछ ज्योतिष पौष पूर्णिमा 14 जनवरी को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए इस आर्टिकल में हम आपको हिंदू पंचांग के अनुसार बताएंगे कि पौष पूर्णिमा किस तारीख को मनाई जाएगी?
पौष पूर्णिमा 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Paush Purnima 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 जनवरी को दोपहर 05 बजकर 03 मिनट पर हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 14 जनवरी को रात्रि को 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में पौष पूर्णिमा 13 जनवरी (Paush Purnima 2025 Shubh Muhurat) को मनाई जाएगी। इसी दिन से महाकुंभ की शुरुआत होगी।
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शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक
पौष पूर्णिमा पर क्या दान करें?
- सनातन धर्म में किसी शुभ तिथि पर विशेष चीजों का दान करना उत्तम माना जाता है। अगर आप आर्थिक तंगी की सामना कर रहे हैं, तो पौष पूर्णिमा के दिन गरीब लोगों में दूध और दही का दान का दान करें। इससे चंद्रमा मजबूत होता है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
- वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए पौष पूर्णिमा के दिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान का दान करें। साथ ही पूजा के दौरान सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही रिश्ते मजबूत होते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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