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    Paush Month 2024 Date: कब से शुरू रहा है पौष माह? यहां पढ़ें इसका धार्मिक महत्व और नियम

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 06:26 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा का पर्व 15 दिसंबर को मनाया जाएगा। इसी तिथि पर मार्गशीर्ष माह का समापन होता है। इसके बाद पौष माह (Paush Month Start Date 2024) की शुरुआत होती है। इस माह में सूर्य देव और पितरों की पूजा का विधान है। इस माह को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। पौष माह में गंगा स्नान और और दान करना शुभ माना जाता है।

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    Paush Month 2024: पौष माह में इन नियम का करें पालन

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सभी माह का विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दसवें माह को पौष माह कहा जाता है। इस माह की शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि के समापन के बाद से होती है। इस महीने को पूस के नाम से भी जाना जाता है। पौष माह (Paush Month 2024 Importance) में भगवान सूर्य देव और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि उपासना करने से कारोबार में वृद्धि होती होती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए आपको इस लेख में बताएंगे कि कब शुरू हो रहा है पौष माह और इसके महत्व एवं नियम के बारे में।

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    कब से कब तक है पौष माह (Paush Month Start Date 2024)

    पंचाग के अनुसार, इस वर्ष पौष माह की शुरुआत 16 से दिसंबर से होगी। वहीं, इसका समापन अगले साल यानी 13 जनवरी को होगा। इस माह के समापन के बाद माघ के महीने की शुरुआत होती है।

    पौष माह का महत्व (Paush Month 2024 Significance)

    इस माह की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है। इसलिए इस माह को पौष के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस माह में पिंडदान और तर्पण करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, सूर्य देव की पूजा करने से साधक को तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। विधिपूर्वक पिंडदान करने से पूर्वजों को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।

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    पौष माह के नियम (Paush Month 2024 Niyam)

    • इस माह में रविवार का व्रत रखें।
    • पूजा के दौरान सूर्य देव को चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं। ऐसा करने से जातक को सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
    • इस माह की शुभ तिथि पर पितरों की पूजा करें। जैसे- मकर संक्रांति, अमावस्या और एकादशी।
    • इस माह में श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करें।
    • तामसिक चीजों के सेवन दूर रहें।

    इस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य

    पौष माह में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में इस माह में प्रत्येक दिन तांबे के लोटे में लाल रंग के फूल, लाल चंदन जल और गंगाजल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान 'ऊँ सूर्याय नम:' मंत्र का जप करें। माना जाता है कि सूर्य देव को जल देने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और मनचाही नौकरी प्राप्त होती है।

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।