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    Paush Ekadashi 2025: पौष माह में कब है सफला और पुत्रदा एकदशी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

    हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं जिनका सभी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस तिथि पर साधक जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही व्रत भी किया जाता है। अब जल्द ही पौष माह शुरू होने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस माह में कब-कौन सी एकादशी (Paush Putrada Ekadashi 2025) है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 03 Dec 2024 04:26 PM (IST)
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    Paush Putrada Ekadashi 2025: एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा

    धर्म डेक्स, नई दिल्ली। सनातन धर्म में जीवन के पापों से छुटकारा पाने के लिए एकादशी व्रत को शुभ माना जाता है। अब जल्द ही पौष माह शुरू होने वाला है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर (Paush Month 2024 Start Date) से हो रही है। वहीं, इसका समापन अगले वर्ष यानी 13 जनवरी 2025 को होगा। इस माह में 2 प्रमुख एकादशी तिथि पड़ रही हैं, जिनमें सफला एकादशी और पुत्रदा एकादशी शामिल है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक एकादशी व्रत को करने से जातक को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है और दान करने से कभी भी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है। आइए इस आर्टिकल में हम आपके बताएंगे कि पौष (Paush Ekadashi 2024) में माह में पड़ने वाली एकादशी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

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    सफला एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर को देर रात 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और 27 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। ऐसे में 25 दिसंबर को सफला एकादशीमनाई जाएगी। साधक 26 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत रख सकते हैं। वहीं, अपनी सुविधा के अनुसार 26 दिसंबर के दिन भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।

    पौष पुत्रदा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Paush Putrada Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 10 जनवरी को रात्रि 10 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस प्रकार पौष पुत्रदा व्रत 11 दिसंबर (Kab Hai Paush Putrada 2024) को किया जाएगा।

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    एकादशी पूजा विधि (Ekadashi Puja Vidhi)

    • एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
    • इसके बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर विष्णु जी और मां लक्ष्मी की मूर्ति को विराजमान करें।
    • अब उन्हें पीले चंदन कुमकुम का तिलक अर्पित करें और मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
    • देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
    • एकादशी की कथा का पाठ करें।
    • पूजा के अंत में पंचामृत और केला समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
    • श्रद्धा अनुसार दान करें। एकादशी पर दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।