Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Patak Kaal Sarp Dosh: बनते कामों को बिगाड़ देता है पातक कालसर्प दोष, ऐसे पाएं इससे छुटकारा

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 07 Jan 2025 01:49 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि देवों के देव महादेव और जगत जननी मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही साधक पर भगवान शिव की असीम कृपा बरसती है। ज्योतिष भी कालसर्प दोष से निजात पाने के लिए भगवान शिव की पूजा (Patak Kaal Sarp Dosh Upay) करने की सलाह देते हैं।

    Hero Image
    Patak Kaal Sarp Dosh: पातक कालसर्प दोष से कैसे पाएं छुटकारा?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राहु और केतु दोनों मायावी ग्रह हैं। इन दोनों के अशुभ प्रभाव पड़ने से जातक (व्यक्ति) को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जातक चाहकर भी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में कई प्रकार के कालसर्प दोष लगता है। इनमें एक पातक कालसर्प दोष है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दोष से पीड़ित जातक को वैवाहिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही मानसिक तनाव की समस्या होती है। आइए, पातक कालसर्प दोष के बारे में सबकुछ जानते हैं। यह कब और कैसे लगता है और कैसे पातक कालसर्प दोष से निजात पाएं?

    यह भी पढ़ें: मेष से लेकर मीन तक वार्षिक राशिफल 2025

    राहु और केतु की स्थिति

    वर्तमान समय में मायावी ग्रह राहु मीन राशि और केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। दोनों मायावी ग्रह मई महीने में राशि परिवर्तन करेंगे। राहु और केतु दोनों वक्री चाल चलते हैं। राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे।

    पातक कालसर्प दोष के प्रभाव

    इस दोष से पीड़ित जातक को मानसिक तनाव की समस्या होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में परेशानी होती है। इसके अलावा, शुभ कामों में भी सफलता नहीं मिलती है। करियर और कारोबार में बाधा आती है। इन वजहों के चलते परिवार में कलह की स्थिति बनी रहती है।

    कब बनता है पातक कालसर्प दोष?

    ज्योतिषियों की मानें तो मायावी ग्रह राहु के दसवें भाव और केतु के चौथे भाव में रहने पर कुंडली में पातक कालसर्प दोष लगता है। वहीं, सभी शुभ और अशुभ ग्रह मायावी ग्रह राहु और केतु के मध्य रहते हैं। कुंडली में इस प्रकार की स्थिति बनने पर पातक कालसर्प दोष बनता है। अतः योग्य ज्योतिष से पातक कालसर्प दोष का विचार कराएं।

    उपाय

    ज्योतिषियों का कहना है कि पातक कालसर्प दोष का निवारण जरूरी है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए देवों के देव महादेव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से राहु और केतु का प्रभाव खत्म होता है। साथ ही रोजाना पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।

    यह भी पढ़ें: हनुमान जी से मिलती हैं ये 4 सीख, जीवन में अपनाने से सभी संकट होते हैं दूर

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।