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    Papmochani Ekadashi 2025: 25 या 26 मार्च, पापमोचनी एकादशी कब है? नोट करें सही डेट एवं मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 24 Mar 2025 09:03 PM (IST)

    चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिव और सिद्ध योग का भी संयोग है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा से धन से जुड़े सभी परेशानियां दूर होंगी।

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    Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी का व्रत कब रखें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पापमोचनी एकादशी हर साल चैत्र माह में मनाई जाती है। यह पर्व पूर्णतया जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर जग के नाथ भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है।

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    पापमोचनी एकादशी की सही डेट को लेकर भक्तजनों के मन में दुविधा है। वैष्णवजन 26 मार्च के दिन पापमोचनी एकादशी मनाएंगे। अगर आप भी पापमोचनी एकादशी की तिथि को लेकर कन्फ्यूज हैं, तो आइए पापमोचनी एकादशी की सही डेट (Papmochani Ekadashi 2025 Kab hai), शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    कब मनाई जाती है पापमोचनी एकादशी?

    हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जग के नाथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

    पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Papmochani Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 मार्च को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि 26 मार्च को देर रात 03 बजकर 45 मिनट तक है। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी।

    कब रखें एकादशी का व्रत?

    जानकारों की मानें तो कई बार तिथि गणना के चलते दो दिन एकादशी मनाई जाती है। इसमें दूसरे दिन की एकादशी का व्रत वैष्णव जन रखते हैं। वहीं, पहले दिन सामान्यजन व्रत रखते हैं। दूसरे दिन सन्यासी और मोक्ष की कामना करने वाले साधक ही व्रत रखते हैं। आसान शब्दों में कहें तो पहले दिन सामान्य जन व्रत रखते हैं। वहीं, दूसरे दिन वैष्णव जन एकादशी का व्रत रखते हैं। इस प्रकार 25 मार्च को सामान्य जन पापमोचनी एकादशी मनाएंगे। वहीं, दूसरे दिन वैष्णवजन पापमोचनी एकादशी का व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करेंगे।

    पापमोचनी एकादशी पारण समय (Papmochani Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)

    सामान्य जन पापमोचनी एकादशी का पारण 26 मार्च के दिन करेंगे। 26 मार्च के दिन साधक दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 08 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस समय साधक गंगा स्नान कर भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।