Lunar Eclipse 2025: सूतक न मानने वाले इतने बजे तक कर लें भोजन, नोट करें चंद्र ग्रहण का समय
ज्योतिषियों की मानें तो चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2025) के दौरान भगवान शिव के नाम का जप करने से राहु का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही नकारात्मक शक्तियों से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए चंद्र ग्रहण के दौरान शिवजी के नामों का जप करें। वहीं ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान-ध्यान कर भगवान विष्णु की पूजा करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण का खास महत्व है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगता है। मायावी ग्रह राहु का प्रभुत्व चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर बढ़ जाता है। इसके लिए सूतक से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक शुभ काम और खानपीन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इसकी शुरुआत रात 09 बजकर 58 मिनट से होगी। चंद्र ग्रहण का पूर्ण प्रभाव देर रात 11 बजे होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि सूतक न मानने वाले लोग ग्रहण से पहले कब तक भोजन कर सकते हैं ? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
सूतक
सूर्य ग्रहण के दिन सूतक चार प्रहर का होता है। एक प्रहर 3 घंटे का होता है। इसके लिए सूर्य ग्रहण के दिन 12 घंटे पहले सूतक लगता है। वहीं, चंद्र ग्रहण के दिन तीन प्रहर पहले सूतक लगता है। इसके लिए चंद्र ग्रहण के दिन 09 घंटे पूर्व से सूतक शुरू हो जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा पर 09 घंटे पहले से सूतक शुरू हुआ है।
कब से लगेगा चंद्र ग्रहण?
वैदिक पंचांग के अनुसार, देर रात 09 बजकर 58 मिनट से साल का दूसरा चंद्र ग्रहण शुरू होगा और देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा। इस समय सूतक भी खत्म होगा। वहीं, ग्रहण से पहले यानी 09 बजकर 57 मिनट तक आप भोजन कर सकते हैं। इसके बाद खानपान न करें।
चंद्र ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां
- चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक जगहों पर जाने से बचें।
- वाद-विवाद से दूर रहें।
- तामसिक चीजों का सेवन न करें।
- शराब का सेवन न करें।
- किसी को कटु शब्द न बोलें।
- किसी से द्वेष भावना न रखें।
- मूर्ति स्पर्श न करें।
- बड़ों का अपमान न करें।
- धारदार चीजों से दूर रहें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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