Navpatrika Puja 2025: नवरात्र में इस दिन की जाएगी नवपत्रिका पूजा, पढ़ें शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्र के दौरान की जाने वाली नवपत्रिका पूजा का विशेष महत्व है। यह नवरात्र की सप्तमी तिथि पर की जाती है। यह पूजा मुख्य रूप से बंगाल झारखंड ओडिशा जैसे राज्यों में अधिक प्रचलित है। इस दौरान नौ पत्तियों को बांधकर देवी-दुर्गा की पूजा की जाती है। चलिए जानते हैं कि शारदीय नवरात्र के दौरान नवपत्रिका पूजा कब की जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र में की जाने वाली नवपत्रिका पूजा (Navpatrika Puja 2025 Date) में नवपत्रिका का अर्थ है नौ पत्तियां। माना जाता है कि नवपत्रिका पूजा से साधक को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और सुख-समृद्धि आती है। साथ ही इस पूजा को फसल की अच्छी पैदावार के लिए भी किया जाता है। चलिए जानते हैं नवपत्रिका पूजा की विधि और महत्व।
नवपत्रिका पूजा का दिन (Navpatrika Puja 2025 date)
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि 28 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 29 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में नवपत्रिका पूजा सोमवार, 29 सितंबर को की जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है-
- नवपत्रिका के दिन अरुणोदय - प्रातः 5 बजकर 49 मिनट पर
- नवपत्रिका के दिन अवलोकनीय सूर्योदय - सुबह 6 बजकर 13 मिनट पर
नवपत्रिका पूजा विधि
नवपत्रिका पूजा को महा सप्तमी भी कहा जाता है, जो दुर्गा पूजा का पहला दिन है। इस दिन नौ तरह की पत्तियों को बांधा जाता है और इससे देवी दुर्गा की आराधना की जाती है, जिसे नवपत्रिका कहा जाता है। दुर्गा नवपत्रिका पूजा (Navpatrika Puja 2025 date) में केले, दारुहल्दी, हल्दी, जयंती, बेलपत्र, अनार, अशोक, धान और अमलतास की पत्तियों को शामिल किया जाता है। इन नौ पत्तियों मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
पूजा के दौरान सबसे पहले इन नौ पत्तियों को बांधकर किसी पवित्र नदी में स्नान करवाया जाता है, जिसे महास्नान के रूप में जाना जाता है। इसके बाद घर के मंदिर में एक चौकी बिछाकर उसपर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसके बाद देवी मां को नैवेद्य और 16 शृंगार आदि अर्पित की जाती है और विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। अंत में मां दुर्गा की आरती कर सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है।
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