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    Narmada Jayanti 2025 Date: फरवरी महीने में कब है नर्मदा जयंती? नोट करें सही डेट और पूजा विधि

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 02 Feb 2025 04:12 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti 2025 Date) के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं। साथ ही शारीरिक एवं मा ...और पढ़ें

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    Narmada Jayanti 2025 Date: नर्मदा जयंती का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर नर्मदा जयंती मनाई जाती है। बड़ी संख्या में साधक या श्रद्धालु नर्मदा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही मां नर्मदा की पूजा करते हैं। नर्मदा नदी में स्नान-ध्यान करने से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मां गंगा की आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए, नर्मदा जयंती के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    नर्मदा जयंती शुभ मुहूर्त (Magh Purnima Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 04 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 5 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय तिथि गणना के अनुसार, 04 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जाएगी। साधक सुविधा अनुसार समय पर नर्मदा नदी स्नान कर सकते हैं। 

    नर्मदा जयंती शुभ योग (Magh Purnima Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो नर्मदा जयंती पर एक साथ कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में स्नान-ध्यान करने और मां नर्मदा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। इस शुभ अवसर पर शुभ और सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग है।

    पूजा विधि

    माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन ब्रह्म बेला में उठें। अब मां नर्मदा का ध्यान कर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई करें। सभी कामों से निपटने के बाद सुविधा होने पर नर्मदा नदी में स्नान करें। सुविधा न होने पर घर पर ही सामान्य पानी में नर्मदा नदी का पानी मिलाकर स्नान करें। इसके बाद आचमन कर पीले रंग के कपड़े पहनें । अब सूर्य देव को जल दें। इसके बाद पंचोपचार कर विधिपूर्वक लक्ष्मी नारायण जी और मां नर्मदा की पूजा करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।