हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर? बेहद दिलचस्प है त्रेतायुग की ये कथा
हनुमान जी को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। उनकी प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। माता सीता ने हनुमान जी को बताया कि सिंदूर ...और पढ़ें

हनुमान जी (AI-generated image)

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अभी पढ़ेंधर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हनुमान जी को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। आपने अक्सर मंदिरों में उनकी प्रतिमा पर सिंदूर का लेप देखा होगा। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे का रहस्य क्या है। एक बार हनुमान जी ने चुटकी भर सिंदूर के बजाय अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर मल लिया था? प्रभु श्री राम की लंबी आयु और प्रसन्नता से जुड़ी यह कथा आज भी करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है। चलिए जानते हैं सिंदूर चढ़ाने का धार्मिक और आध्यात्मिक रहस्य क्या है।
हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे रामायण की एक बहुत ही सुंदर और भावुक कथा प्रचलित है। यह कथा माता सीता के प्रति हनुमान जी की निस्वार्थ भक्ति को दर्शाती है।
पौराणिक कथा: माता सीता और सिंदूर
वनवास से लौटने के बाद, एक दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) ने माता सीता को अपनी मांग में नारंगी रंग का सिंदूर लगाते हुए देखा। हनुमान जी बड़े कौतूहल से उनके पास गए और पूछा, "माता, आप अपने माथे पर यह क्या और क्यों लगा रही हैं? इससे क्या होता है?"
माता सीता (Sita Mata) ने हनुमान जी की सरलता को देखकर मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "हे पुत्र! यह सिंदूर है। इसे लगाने से मेरे स्वामी प्रभु श्री राम की आयु लंबी होती है और वे हमेशा प्रसन्न रहते हैं।"

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हनुमान जी का समर्पण
हनुमान जी ने जब यह सुना, तो उन्होंने सोचा कि अगर चुटकी भर सिंदूर लगाने से प्रभु की आयु लंबी होती है और वे प्रसन्न होते हैं, तो क्यों न मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लूं? इससे तो मेरे प्रभु हमेशा के लिए अमर और सुखी हो जाएंगे।
यही सोचकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर नारंगी सिंदूर मल लिया और इसी अवस्था में श्री राम के दरबार में पहुंच गए। उन्हें इस रूप में देखकर पूरी सभा और श्री राम हैरान रह गए।
श्री राम का वरदान
जब श्री राम ने उनसे इसका कारण पूछा, तो हनुमान जी ने बड़ी मासूमियत से कहा, "प्रभु, माता ने कहा कि सिंदूर लगाने से आपकी आयु बढ़ती है, इसलिए मैंने अपने पूरे शरीर पर इसे लगा लिया ताकि आप सदैव अमर रहें।"
उनकी यह निस्वार्थ भक्ति और प्रेम देखकर भगवान राम भावुक हो गए। उन्होंने हनुमान जी को गले लगाया और वरदान दिया कि:
"जो भी भक्त तुम्हें सिंदूर अर्पित करेगा, उस पर मेरी विशेष कृपा रहेगी और उसके सभी कष्ट दूर होंगे।"
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
चोला चढ़ाना: हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल मिलाकर चढ़ाने की प्रक्रिया को 'चोला चढ़ाना' कहा जाता है। माना जाता है कि इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और साहस आता है।
ग्रह दोष से मुक्ति: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह का रंग लाल/नारंगी है। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से मंगल दोष और शनि की बाधाएं शांत होती हैं।
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