Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर क्या है मौन व्रत रखने की वजह? मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ
हर महीने के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पितरों की पूजा-अर्चना और तर्पण समेत आदि काम किए जाते हैं। माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) के नाम से जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि व्यक्ति को मौन व्रत करने से कई तरह के आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सभी अमावस्या तिथि में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) को विशेष महत्वपूर्ण माना गया है। पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या 29 फरवरी को है। इस बार मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान (Mahakumbh Amrit Snan Date 2025) है। इस दिन प्रयागराज में साधु संत और श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे। इससे जीवन के सभी पापों से छुटकारा मिलेगा और पितरों की कृपा प्राप्त होगी।
इस अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत (Mauni Amavasya Vrat Kyu Rakhte hai) करने का विधान है। इसके अलावा जप, तप और श्रद्धा अनुसार दान भी करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत क्यों रखा जाता है? अगर नहीं पता, तो चलिए इस आपको इस आर्टिकल में बताएंगे इसकी वजह और इससे जुड़े नियम के बारे में।
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ये है वजह
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025 Significance) के दिन मौन व्रत करने की प्रमुख वजह मानसिक शांति को प्राप्त करना है। साथ ही आध्यात्मिक कामों में मन लगता है। वाणी पर काबू रहता है। इसी वजह से मौनी अमावस्या की तिथि पर मौन व्रत किया जाता है।
मौन व्रत से मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र देव को मन का कारक माना गया है। अमावस्या की तिथि पर चंद्रमा न निकलने की वजह से मन की स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में मन को काबू में करने के लिए मौनी अमावस्या के दिन ज्योतिष मौन व्रत करने की सलाह देते हैं। ऐसा करने से मन शांत होता है।
- जीवन में देवी-देवताओं का ध्यान करने के लिए मन का शांत होना अधिक जरूरी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत से मोक्ष मिलता है।
- इसके अलावा मौन व्रत से वाणी शुद्ध होती है। साथ ही घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है।
मौन व्रत के नियम
- अगर आप मौनी अमावस्या की तिथि पर मौन व्रत कर रहे हैं, तो ऐसे में आपको नियम का पालन करना चाहिए।
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद मौन व्रत का संकल्प लें।
- देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करें।
- अमावस्या तिथि के खत्म होने पर ही मौन व्रत खोलें।
- व्रत के दौरान किसी के बारे में गलत न सोचे।
- मौन व्रत के समय किसी से कुछ न बोलें।
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