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    Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर शिववास समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    सनातन धर्म में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025 Yoga) का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही भगवान शिव की पूजा करते हैं। माघ अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है। इसके साथ ही सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भी मौनी अमावस्या कहा जाता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 19 Jan 2025 04:42 PM (IST)
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    Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या का धार्मिक

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने का विधान है। इस शुभ अवसर पर गंगा नदी के तट पर साधक स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा करते हैं।

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    धार्मिक मत है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप कट जाते हैं। साथ ही मां गंगा की कृपा साधक पर बरसती है। इसके अलावा, कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

    ज्योतिषियों की मानें तो मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025 Yoga) पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ एवं अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    माघ अमावस्या की शुरुआत 28 को जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, माघ अमावस्या का समापन 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। साधक 29 जनवरी के दिन स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। साथ ही पूजा के बाद दान-पुण्य कर सकते हैं।

    शिववास योग

    मौनी अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास का संयोग मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे।

    सिद्धि योग

    माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सिद्धि योग का संयोग रात 09 बजकर 22 मिनट तक है। ज्योतिष सिद्धि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होगा। मौनी अमावस्या पर श्रवण एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।  

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।