Mauni Amavasya 2025: 28 या 29 जनवरी कब है मौनी अमावस्या? नोट करें सही डेट और शुभ मुहूर्त
माघी अमावस्या का दिन बेहद खास होता है। यह तिथि पितृ पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि इस दौरान देवी गंगा की पूजा दान और गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। इससे सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है तो आइए इस दिन (Maghi Amavasya 2025 Snan-Daan) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माघी अमावस्या का सनातन धर्म में बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन को शास्त्रों में बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। इस दिन पितरों से जुड़े अनुष्ठान किए जाते हैं। कहा जाता है कि जो लोग अपने पूर्वजों की मृत्यु की तारीख नहीं जानते हैं, उन्हें इस दिन उनका पिंडदान करना चाहिए, इससे उन्हें मुक्ति मिल जाती है। साथ ही बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। वहीं, इसकी डेट को लेकर लोगों के मन में थोड़ी कन्फ्यूजन बनी हुई, तो आइए इसकी (Mauni Amavasya 2025 Date) सही डेट पंचांग के अनुसार ही जानते हैं, जिससे किसी के पूजन नियम में किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए।
28 या 29 जनवरी कब है मौनी अमावस्या? (Mauni Amavasya 2025 Date and Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरूआत 28 जनवरी को शाम को 07 बजकर 35 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 29 जनवरी को शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी।
यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर हो रहा है इन शुभ योग का निर्माण, पूजा से मिलेगा दोगुना फल
मौनी अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त (Mauni Amavasya 2025 Snan-Daan Time )
मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाएगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस दिन सुबह से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही अमृत काल सुबह 09 बजकर 19 मिनट से रात 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप स्नान-दान से लेकर सभी शुभ कार्य कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या 2025 पितृ पूजन मंत्र (Mauni Amavasya 2025 Pitru Pujan Mantra)
- ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
- ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।
- ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।।
यह भी पढ़ें: Skanda Sashti 2025: आज है स्कंद षष्ठी, इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी हर इच्छा
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।