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    Mauni Amavasya पर तुलसी में चढ़ाएं ये चीजें, धन-दौलत की नहीं होगी कोई कमी

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 05:52 PM (IST)

    तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में काफी महत्व दिया जाता है और अन्य देवी-देवताओं की तरह ही इसकी पूजा-अर्चना भी की जाती है। अमावस्या तिथि पर भी तुलसी पूजन का खास महत्व माना गया है। ऐसे में आप माघ माह में आने वाली मौनी अमावस्या के दिन आप तुलसी से संबंधित कुछ उपाय कर कई तरह की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

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    Mauni Amavasya 2025 तुलसी से संबंधित नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस बार माघ माघ की अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है, को बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि इस तिथि पर महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में तीसरा अमृत स्नान किया जाएगा। इस साल मौनी अमावस्या बुधवार, 29 जनवरी 2025 को मनाई जा रही ऐसे में अगर आप मौनी अमावस्या के दिन तुलसी में ये चीजें अर्पित करते हैं, तो इससे आपको कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं।

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    जरूर करें ये काम

    मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) के दिन आप पानी में थोड़ा-सा कच्चा दूध मिलाकर तुलसी में अर्पित कर सकते हैं। इसी के साथ तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और कलावा बांधें। ऐसा करने से तुलसी मैय्या अति प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं।

    चढ़ाएं ये चीज

    वैवाहिक जीवन में लाभ देखने के लिए शादीशुदा महिलाएं मौनी अमावस्या के दिन तुलसी जी को शृंगार की सामग्री भी अर्पित कर सकती हैं। इस उपाय को करने से विष्णु जी के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा आपको प्राप्त हो सकती है। साथ ही इस दिन तुलसी जी की 07 बार परिक्रमा भी जरूर करें।

    धन लाभ के बनेंगे योग

    आप अमावस्या तिथि पर एक पीले रंग के धागे या कलावे में 108 गांठ लगाकर तुलसी के गमले में बांध सकते हैं, इस उपाय को करने से साधक के घर-परिवार में सुख-समृद्धि का माहौल बना रहता है। साथ ही व्यक्ति के लिए धन लाभ के भी योग बनते हैं।

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    तुलसी जी के मंत्र

    तुलसी जी के मंत्र - महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    तुलसी गायत्री - ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

    तुलसी स्तुति मंत्र -

    देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।