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    Mauni Amavasya पर करें काले तिल से जुड़े ये उपाय, शनि दोष समेत इन समस्याओं से मिलेगी मुक्ति

    मौनी अमावस्या को माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग गंगा स्नान समेत अन्य धार्मिक कार्य करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर मांगलिक और नए कामों को करने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन (Mauni Amavasya Date) पितरों का पिंडदान करने से उन्हें मुक्ति मिलती है। इस साल यह 29 जनवरी को मनाई जाएगी।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 27 Jan 2025 02:27 PM (IST)
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    Mauni Amavasya पर करें ये काम होगा जबरदस्त लाभ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माघ अमावस्या को ही मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यह दिन हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। इस दिन लोग उपवास, ध्यान और दान आदि शुभ कार्य करते हैं। अमावस्या हर महीने में 1 बार आती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं उनके भाग्य में वृद्धि होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं, जो बेहद प्रभावशाली हैं, तो आइए उन उपायों (Mauni Amavasya 2025 Upay) के बारे में जानते हैं।

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    जरूर करें काले तिल के ये 2 उपाय (Mauni Amavasya Kale Til Upay)

    • जो लोग अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, वे लोग मौनी अमावस्या गंगा नदी में स्नान करें। इसके साथ ही एक लोटे में जल व काले तिल डालकर भगवान शंकर का अभिषेक करें। फिर कुछ जरूरत का सामान गरीबों में बांटें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास रहेगा।
    • जिन जातकों की कुंडली में शनि दोष (Shani Dosh Nivaran) से जुड़ी समस्या है, उन लोगों को मौनी अमावस्या पर सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर पीपल वृक्ष के सामने जलाना चाहिए। इसके साथ ही शनि देव के वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए 7 बार उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। साथ ही काले तिल का दान करना चाहिए। इस उपाय को करने से न्याय के देवता की कृपा मिलेगा और कुंडली से शनि दोष समाप्त होगा।

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    इस मुहूर्त में करें मौनी अमावस्या पर स्नान और दान (Mauni Amavasya Snan-Daan Muhurat)

    वैदिक पंचांग को देखते हुए मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त भोर 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से दोपहर 03 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। वहीं, अमृत काल रात 09 बजकर 19 मिनट से रात 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी तरह का शुभ काम कर सकते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।