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    Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर जरूर करें अपने पितरों का तर्पण, नोट करें इसका नियम

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 12:29 PM (IST)

    माघ अमावस्या का दिन बहुत ज्यादा विशेष माना जाता है। इस तिथि पर शुभ कामों से बचने की सलाह दी जाती है जबकि इस दौरान धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन (Mauni Amavasya Date) पवित्र नदियों में स्नान दान-पुण्य और विभिन्न प्रकार के पूजा नियमों का पालन किया जाता है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या से जुड़ी प्रमुख बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मौनी अमावस्या माघ महीने में आती है। यह अमावस्या हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखती है। मौनी शब्द का अर्थ है 'मौन'। इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं और कई तरह के पूजन नियमों का पालन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी (Kab Hai Mauni Amavasya 2025) को पड़ रही है।

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    इसे माघ अमावस्या के नाम से भी जाना है। वहीं, इस तिथि पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है, तो चलिए यहां पितृ तर्पण के नियम (Mauni Amavasya 2025 Niyam) जानते हैं।

    पितृ तर्पण विधि (Mauni Amavasya Pitru Tarpan Vidhi)

    किसी पंडित की मौजूदगी में ही पितरों का तर्पण करें। सबसे पहले उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें जहां तर्पण करना हो। इसके बाद एक दीपक जलाएं। फिर अपने पितृ का चित्र स्थापित करें। पितृ देवता के मंत्रों का आवाहन करें और ध्यान करें। कुश की जूड़ी लेकर जल से भरे कलश में डालें। फिर पितरों का नाम लेते हुए जल अर्पित करें। इसके साथ ही दूध, दही, घी आदि को भी जल में मिलाकर अर्पित करें। तर्पण के समय ''ओम तर्पयामी मंत्र'' का जाप करें। पिंड बनाकर उन्हें कुश पर रखकर जल से सींचें।

    पितरों का प्रिय भोजन उन्हें चढ़ाएं। फिर पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करें। अंत में पशु और पक्षियों को भोजन खिलाएं। तर्पण पूरा होने के बाद क्षमता अनुसार दान-पुण्य करें।

    मौनी अमावस्या स्नान-दान का शुभ समय (Mauni Amavasya Snan-Daan Time)

    हिंदू पंचांग को देखते हुए मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त भोर 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से दोपहर 03 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। वहीं, अमृत काल रात 09 बजकर 19 मिनट से रात 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस समय आप किसी भी तरह का दान और पुण्य कर सकते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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