Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर कर लें तिल से जुड़े ये उपाय, पितरों की बरसेगी कृपा
धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है। साथ ही पितरों की कृपा से रुके हुए काम पूरे होते हैं। माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) के नाम से जाना जाता है। इस दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान है। महाकुंभ में स्नान करने से सभी पाप खत्म होते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ का महीना 11वां होता है। इस माह में पड़ने वाले व्रत और पर्व का विशेष महत्व है। इनमें मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) भी शामिल है। सनातन शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर पवित्र नदी में स्नान एवं दान करने से व्यक्ति को सभी पाप से छुटकारा मिलता है। साथ ही पितृ देव प्रसन्न होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025 Upay) के दिन किए जाने वाले तिल के उपाय के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन तिल से जुड़े उपाय करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इन उपाय के बारे में।
(pic credit-freepik)
तिल के उपाय
- मौनी अमावस्या के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक उपासना करें। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में या फिर मंदिर में काले तिल का दान जरूर करें। धार्मिक मान्यता है कि तिल का दान करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद बैकुंठ में सुख मिलता है।
यह भी पढ़ें: Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर करें महादेव के नामों का जप, पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा
- अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद एक लोटे में जल और काले तिल ड़ालकर महादेव का सच्चे मन से अभिषेक करें। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पितृ दोष की समस्या दूर होती है।
- अगर आप कुंडली में शनि दोष की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन लोगों में काले तिल का दान करें। ऐसा माना जाता है कि काले तिल का दान कुंडली में अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
मौनी अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि की शुरुआत 28 जनवरी को रात 07 बजकर 35 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 29 जनवरी को शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।