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    Matsya Jayanti 2024: मत्स्य जयंती पर करें भगवान नारायण के नामों का मंत्र जप, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि

    चिरकाल में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर वेदों की रक्षा की थी जिसे ब्रह्मा जी के पास से एक असुर ने चुरा लिया था। वेदों की रक्षा हेतु भगवन विष्णु ने मत्स्य रूप धारण किया था। कालांतर में भगवान विष्णु ने दैत्य का वध कर वेद ले ली थी। धार्मिक मत है कि भगवान विष्णु के मत्स्य रूप की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को नवजीवन प्राप्त होता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 10 Apr 2024 02:42 PM (IST)
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    Matsya Jayanti 2024: मत्स्य जयंती पर करें भगवान नारायण के नामों का मंत्र जप

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Matsya Jayanti 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 11 अप्रैल को मत्स्य जयंती है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर वेदों की रक्षा की थी, जिसे ब्रह्मा जी के पास से एक असुर ने चुरा लिया था। वेदों की रक्षा हेतु भगवन विष्णु ने मत्स्य रूप धारण किया था। कालांतर में भगवान विष्णु ने दैत्य का वध कर वेद ले ली थी। धार्मिक मत है कि भगवान विष्णु के मत्स्य रूप की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को नवजीवन प्राप्त होता है। साथ आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मत्स्य जयंती तिथि पर विधि-विधान से भगवान नारायण की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय भगवान मत्स्य के 108 नामों का मंत्र जप करें।

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    भगवान मत्स्य के 108 नाम

    1. ॐ मत्स्याय नमः

    2. ॐ महालयाम्बोधि संचारिणे नमः

    3. ॐ मनुपालकाय नमः

    4. ॐ महीनौकापृष्ठदेशाय नमः

    5. ॐ महासुरविनाशनाय नमः

    6. ॐ महाम्नायगणाहर्त्रे नमः

    7. ॐ महनीयगुणाद्भुताय नमः

    8. ॐ मरालवाहव्यसनच्छेत्रे नमः

    9. ॐ मथितसागराय नमः

    10. ॐ महासत्वाय नमः

    11. ॐ महायादोगणभुजे नमः

    12. ॐ मधुराकृतये नमः

    13. ॐ मन्दोल्लुंठनसङ्क्षुब्धसिन्धु भङ्गहतोर्ध्वखाय नमः

    14. ॐ महाशयाय नमः

    15. ॐ महाधीराय नमः

    16. ॐ महौषधिसमुद्धराय नमः

    17. ॐ महायशसे नमः

    18. ॐ महानन्दाय नमः

    19. ॐ महातेजसे नमः

    20. ॐ महावपुषे नमः

    21. ॐ महीपङ्कपृषत्पृष्ठाय नमः

    22. ॐ महाकल्पार्णवह्रदाय नमः

    23. ॐ मित्रशुभ्रांशुवलय नेत्राय नमः

    24. ॐ मुखमहानभसे नमः

    25. ॐ महालक्ष्मीनेत्ररूप गर्व सर्वङ्कषाकृतये नमः

    26. ॐ महामायाय नमः

    27. ॐ महाभूतपालकाय नमः

    28. ॐ मृत्युमारकाय नमः

    29. ॐ महाजवाय नमः

    30. ॐ महापृच्छच्छिन्न मीनादि राशिकाय नमः

    31. ॐ महातलतलाय नमः

    32. ॐ मर्त्यलोकगर्भाय नमः

    33. ॐ मरुत्पतये नमः

    34. ॐ मरुत्पतिस्थानपृष्ठाय नमः

    35. ॐ महादेवसभाजिताय नमः

    36. ॐ महेन्द्राद्यखिल प्राणि मारणाय नमः

    37. ॐ मृदिताखिलाय नमः

    38. ॐ मनोमयाय नमः

    39. ॐ माननीयाय नमः

    40. ॐ मनस्स्विने नमः

    41. ॐ मानवर्धनाय नमः

    42. ॐ मनीषिमानसाम्भोधि शायिने नमः

    43. ॐ मनुविभीषणाय नमः

    44. ॐ मृदुगर्भाय नमः

    45. ॐ मृगाङ्काभाय नमः

    46. ॐ मृग्यपादाय नमः

    47. ॐ महोदराय नमः

    48. ॐ महाकर्तरिकापुच्छाय न

    49. ॐ मनोदुर्गमवैभवाय नमः

    50. ॐ मनीषिणे नमः

    51. ॐ मध्यरहिताय नमः

    52. ॐ मृषाजन्मने नमः

    53. ॐ मृतव्ययाय नमः

    54. ॐ मोघेतरोरु सङ्कल्पाय नमः

    55. ॐ मोक्षदायिने नमः

    56. ॐ महागुरवे नमः

    57. ॐ मोहासङ्गसमुज्जृम्भत्सच्चिदानन्द विग्रहाय नमः

    58. ॐ मोहकाय नमः

    59. ॐ मोहसंहर्त्रे नमः

    60. ॐ मोहदूराय नमः

    61. ॐ महोदयाय नमः

    62. ॐ मोहितोत्तोरितमनवे नमः

    63. ॐ मोचिताश्रितकश्मलाय नमः

    64. ॐ महर्षिनिकरस्तुत्याय नमः

    65. ॐ मनुज्ञानोपदेशिकाय नमः

    66. ॐ महीनौबन्धनाहीन्द्ररज्जु बद्धैकशृङ्गकाय नमः

    67. ॐ महावातहतोर्वीनौस्तम्भनाय नमः

    68. ॐ महिमाकराय नमः

    69. ॐ महाम्बुधितरङ्गाप्तसैकती भूत विग्रहाय नमः

    70. ॐ मरालवाहनिद्रान्त साक्षिणे नमः

    71. ॐ मधुनिषूदनाय नमः

    72. ॐ महाब्धिवसनाय नमः

    73. ॐ मत्ताय नमः

    74. ॐ महामारुतवीजिताय नमः

    75. ॐ महाकाशालयाय नमः

    76. ॐ मूर्छत्तमोम्बुधिकृताप्लवाय नमः

    77. ॐ मृदिताब्दारिविभवाय नमः

    78. ॐ मुषितप्राणिचेतनाय नमः

    79. ॐ मृदुचित्ताय नमः

    80. ॐ मधुरवाचे नमः

    81. ॐ मृष्टकामाय नमः

    82. ॐ महेश्वराय नमः

    83. ॐ मरालवाहस्वापान्त दत्तवेदाय नमः

    84. ॐ महाकृतये नमः

    85. ॐ महीश्लिष्टाय नमः

    86. ॐ महीनाधाय नमः

    87. ॐ मरुन्मालामहामणये नमः

    88. ॐ महीभारपरीहर्त्रे नमः

    89. ॐ महाशक्तये नमः

    90. ॐ महोदयाय नमः

    91. ॐ महन्महते नमः

    92. ॐ मग्नलोकाय नमः

    93. ॐ महाशान्तये नमः

    94. ॐ महन्महसे नमः

    95. ॐ महावेदाब्धिसंचारिणे नमः

    96. ॐ महात्मने नमः

    97. ॐ मोहितात्मभुवे नमः

    98. ॐ मन्त्रस्मृतिभ्रंशहेतवे नमः

    99. ॐ मन्त्रकृते नमः

    100. ॐ मन्त्रशेवधये नमः

    101. ॐ मन्त्रमन्त्रार्थ तत्त्वज्ञाय नमः

    102. ॐ मन्त्रार्थाय नमः

    103. ॐ मन्त्रदैवताय नमः

    104. ॐ मन्त्रोक्तकारिप्रणयिने नमः

    105. ॐ मन्त्रराशिफलप्रदाय नमः

    106. ॐ मन्त्रतात्पर्यविषयाय नमः

    107. ॐ मनोमन्त्राद्यगोचराय नमः

    108. ॐ मन्त्रार्थवित्कृतक्षेमाय नमः

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