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    Masik Shivratri 2024: आज है मासिक शिवरात्रि, एक क्लिक में पढ़ें पूजा से जुड़ी सभी बातें

    मासिक शिवरात्रि शिव-शक्ति के मिलन का प्रतीक है। यह हर महीने मनाई जाती है। इस बार यह व्रत (Masik Shivratri 2024) 29 दिसंबर यानी आज रखा जा रहा है। इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही विवाह से जुड़ी सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 29 Dec 2024 09:46 AM (IST)
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    Masik Shivratri पर भगवान शिव और देवी पार्वती की करें खास पूजा होगा लाभ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि व्रत का बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। सभी शिव भक्त इस दिन पर व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस माह यह व्रत (Masik Shivratri 2024) 29 दिसंबर यानी आज रखा जा रहा है। यह दिन अपने आप में खास है। ऐसे में अगर आप इस दिन शिव परिवार की विधिवत आराधना (Lord Shiva’s Favorite Offerings) करते हैं, तो आपके जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है। इसके साथ ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

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    मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त (Masik Shivratri 2024 Puja Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। वहीं, निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस दिन रात्रि की पूजा का खास महत्व है, इसलिए निशिता मुहूर्त में ही पूजा करें।

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    मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi)

    सबसे पहले स्नान करें और लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें। फिर शिव परिवार के सामने व्रत का संकल्प लें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और शिव-शक्ति की प्रतिमा विराजमान करें। गंगाजल से प्रतिमा को साफ करें। देसी घी का दीपक जलाएं और कमल व आक के फूलों की माला अर्पित करें। चंदन से शिव जी के माथे पर त्रिपुंड बनाएं और मां को कुमकुम लगाएं। खीर, पूरी-हलवा, ऋतु फल, मिठाइयों, ठंडई, आदि चीजों का भोग लगाएं।

    शिव-शक्ति विवाह कथा, पंचाक्षरी स्तोत्र और शिव-पार्वती चालीसा का पाठ करें। आरती से पूजा का समापन करें। इस दिन रात्रि को पूजा जरूर करें, जो कि इसके नाम से भी पता चलता है। अगले दिन अपने व्रत का पारण शिव प्रसाद करें। तामसिक भोजन व लोगों से दूर रहें। किसी का भी अपमान करने से बचें।

    मासिक शिवरात्रि पूजन मंत्र (Masik Shivratri Puja Mantra)

    • ।।ॐ पार्वतीपतये नमः।।
    • ।।ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः।।
    • ।।ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।