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    Margashirsha Purnima Date 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, जानें इसके लाभ

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 25 Dec 2023 11:17 AM (IST)

    Margashirsha Purnima Date 2023 26 दिसंबर मंगलवार के दिन यानी कल मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस शुभ दिन पर सत्यनारायण व्रत का भी विधान है। कहा जाता है जो लोग इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो आइए सत्यनारायण पूजा के लाभ के बारे में जानते हैं जो इस प्रकार है -

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    Margashirsha Purnima Date 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन करें भगवान विष्णु की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Purnima Date 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बेहद महत्व है, क्योंकि इस माह साल की अंतिम पूर्णिमा मनाई जाती है। 26 दिसंबर मंगलवार के दिन यानी कल यह पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस शुभ दिन पर सत्यनारायण व्रत का भी विधान है।

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    कहा जाता है, जो लोग इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो आइए सत्यनारायण पूजा के लाभ के बारे में जानते हैं -

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    सत्यनारायण पूजा के लाभ

    • सत्यनारायण पूजा से सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।
    • इससे बीमार व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
    • इस पूजा से जातक के अतीत में किए गए सभी पापों का अंत हो जाता है।
    • यह व्रत व्यक्ति के सभी प्रकार के डर पर काबू करता है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
    • इस व्रत के प्रभाव से अच्छे और बुरे के बीच अंतर समझने की बुद्धि प्राप्त होती है।
    • पूर्ण भक्ति के साथ भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से व्यक्ति की जरूरतों और इच्छाओं की पूर्ती होती है।
    • यह व्रत जीवन में सुख- समृद्धि, सद्भाव और खुशियां लाता है।
    • इस व्रत के प्रभाव से सभी प्रकार की मुश्किलों का अंत होता है।

    ॥ विष्णु शान्ताकारं मंत्र ॥

    शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

    विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।

    लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

    वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥

    यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: ।

    सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: ।

    ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो

    यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम: ॥

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'