Margashirsha Purnima 2023: इस पूर्णिमा चढ़ाएं मां तुलसी को ये चीजें, प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु
Margashirsha Purnima 2023 इस माह पूर्णिमा 26 दिसंबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। यह साल की अंतिम पूर्णिमा है इसलिए इसका महत्व और ज्यादा है। इस दिन को भगवान विष्णु के भक्त बेहद खुशी और भक्ति के साथ मनाते हैं। ऐसे में अगर आप श्री हरि विष्णु के साथ माता तुलसी की कृपा चाहते हैं तो इस शुभ दिन पर मां तुलसी की पूजा अवश्य करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Purnima 2023: सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन का बड़ा ही धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना करते हैं। इस माह यह 26 दिसंबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। यह साल की अंतिम पूर्णिमा है इसलिए इसका महत्व और ज्यादा है। इस दिन को भगवान विष्णु के भक्त बेहद खुशी और भक्ति के साथ मनाते हैं।
ऐसे में अगर आप श्री हरि विष्णु के साथ माता तुलसी की कृपा चाहते हैं, तो इस शुभ दिन पर मां तुलसी की पूजा अवश्य करें। साथ ही उनको कुछ विशेष चीजें अर्पित करें, जिससे आपके घर में धन का कभी आभाव न हो। तो आइए जानते हैं -
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर मां तुलसी को चढ़ाएं ये चीजें
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीया जलाना बहुत कल्याणकारी माना जाता है। इससे घर में कभी दरिद्रता का वास नहीं रहता है।
- तुलसी के पौधे में पीला कलावा या फिर पीली चुनरी अवश्य बांधें, क्योंकि यह रंग श्री हरि विष्णु को बेहद प्रिय है। इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे पर पीला कलावा अवश्य बांधें। इससे तुलसी माता खुश होती हैं।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी पर लाल कलावा भी बांधा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से धन की मुश्किलें दूर होती हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि इस दिन तुलसी पर लाल चुनरी अर्पित करना अच्छा होता है, जो जातक माता को लाल चुनरी अर्पित करते हैं और उनकी परिक्रमा करते हैं उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन माता तुलसी को दूध अर्पित करने का भी विधान है, ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मां अपने भक्तों पर सदैव कृपा बनाए रखती हैं।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
- ।।ॐ श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम्।।
- ।।तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
यह भी पढ़ें: Tulsi Chalisa Ka Path: आज के दिन जरूर पढ़ें तुलसी चालीसा, घर से दूर होगी दरिद्रता
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।