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    Somwar Ke Upay: सोमवार को जलाभिषेक के समय करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 24 Dec 2023 06:49 PM (IST)

    सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शादी के योग बनने लगते हैं। ज्योतिष कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने हेतु सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं। शुक्र देव सुखों के कारक होते हैं।

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    Somwar Ke Upay: सोमवार को जलाभिषेक के समय करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Guru Gochar 2023: सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सोमवार का व्रत रखा जाता है। शास्त्रों में निहित है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शादी के योग बनने लगते हैं। ज्योतिष कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने हेतु सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं। शुक्र देव सुखों के कारक होते हैं। कुंडली में शुक्र मजबूत होने से जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। अगर आप भी कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही जलाभिषेक के समय इस स्तोत्र का पाठ करें।

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    शुक्र स्तोत्र

    नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।

    वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ।।

    देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।

    परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ।।

    प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।

    नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।

    तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर:।

    यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।

    अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।

    त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।

    विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।

    ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।

    बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।

    भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।

    जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम:।

    नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।

    नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।

    स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन:।।

    य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।

    पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।

    राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।

    भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।

    अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।

    रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।

    यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।

    प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत:।।

    सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि:।।

    स्तोत्र के लाभ

    ज्योतिषियों की मानें तो सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। शुक्र देव की कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही अविवाहित जातकों (लड़के) की शादी के योग बनते हैं। साथ ही प्रेम संबंध भी मधुर होता है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।