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    Pradosh Vrat 2025 Date: किस दिन है प्रदोष व्रत? यहां नोट करें सही तिथि और पूजा का शुभ समय

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 07:00 PM (IST)

    प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025 Date) का फल दिन अनुसार मिलता है। सोम प्रदोष व्रत करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त संकटों से म ...और पढ़ें

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    Pradosh Vrat 2025 Date: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष यानी अगहन महीने का खास महत्व है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान कृष्ण को बेहद प्रिय है। भगवान कृष्ण पवित्र ग्रंथ गीता के दसवें अध्याय के 35वें श्लोक में कहते हैं-

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    mahadev

    बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।

    मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः।।10.35।।

    हे पार्थ! मैं, श्रुतियों में बृहत्साम और वैदिक छन्दों में गायत्री छन्द हूं। बारह महीनों में मार्गशीर्ष और छः ऋतुओंमें वस्तं हूं।

    अतः मार्गशीर्ष यानी अगहन महीने में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। इस माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। आइए, प्रदोष व्रत की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    • त्रयोदशी तिथि की शुरुआत - 17 नवंबर को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर
    • त्रयोदशी तिथि की समापन - 18 नवंबर को सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर

    प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat 2025 Kab Hai)

    प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। अगहन माह का पहला प्रदोष व्रत सोमवार 17 नवंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। अगहन माह के पहले प्रदोष व्रत पर पूजा का शुभ समय संध्याकाल 05 बजकर 29 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 09 मिनट तक है। 

    सोम प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)

    अगहन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रीति और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही प्रदोष व्रत पर अभिजीत मुहूर्त योग का भी निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग के दौरान भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 29 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।