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    Masik Krishna Janmashtami 2024: कब है मासिक जन्माष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 18 Nov 2024 02:30 PM (IST)

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) के शुभ अवसर पर मंदिरों में जगत के पालनहार भगवान कृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही संध्याकाल में कीर्तन-भजन का आयोजन किया जाता है। सामान्य जन भी अपने घरों पर कृष्ण कन्हैया की भक्ति भाव से पूजा-उपासना करते हैं। इस शुभ दिन मासिक कालाष्टमी भी मनाई जाती है।

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    Masik Krishna Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण दिवस मनाया जाता है। वहीं, हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) मनाई जाती है। इस शुभ तिथि पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान श्रीकृष्ण के शरणागत रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत उच्च लोक की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग जानते हैं।

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    मासिक जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Krishna Janmashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 07 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 23 नवंबर को संध्याकाल 07 बजकर 56 मिनट पर होगा। मासिक जन्माष्टमी पर निशा काल में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। अत: 22 नवंबर के दिन मासिक जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

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    मासिक जन्माष्टमी शुभ योग (Masik Krishna Janmashtami Shubh Yog)

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर एक साथ कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस शुभ दिन सबसे पहले रवि योग का निर्माण हो रहा है। इसी समय दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का संयोग सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक है। इसके बाद इंद्र योग का संयोग है। ज्योतिष ब्रह्म और इंद्र योग को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य का श्रीगणेश कर सकते हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 25 मिनट पर
    • चंद्रोदय- रात 11 बजकर 41 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।