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    Mahesh Navami 2025: महेश नवमी कब है? यहां दूर करें सही डेट का कन्फ्यूजन

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 08 Apr 2025 07:04 PM (IST)

    देवों के देव महादेव की महिमा निराली है। भगवान शिव के भक्तों को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक के घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है। साधक श्रद्धा भाव से महेश नवमी (Mahesh Navami 2025 Date) के दिन देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करते हैं।

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    Mahesh Navami 2025: महेश नवमी का इतिहास

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल ज्येष्ठ माह में महेश नवमी मनाई जाती है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान शिव के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

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    धार्मिक मत है कि महेश नवमी पर भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सुख, सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है। साथ ही साधक पर शिव-शक्ति की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए, महेश नवमी की सही डेट (Mahesh Navami 2025), शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    महेश नवमी शुभ मुहूर्त (Mahesh Navami 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 03 जून को रात 09 बजकर 56 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि शुरू होगी और अगले दिन 04 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 04 जून को महेश नवमी मनाई जाएगी। वहीं, 05 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।

    महेश नवमी शुभ योग (Mahesh Navami 2025 Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक शिववास योग बन रहा है। इस समय तक देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
    • चंद्रोदय- शाम 08 बजकर 35 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 36 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।