Mahashivratri 2025: शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से पहले जानें इसके नियम, तभी पूजा होगी सफल
धार्मिक मत है कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) के महापर्व के दिन भगवान शिव (Lord Shiv) और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और मनचाहा वर मिलता है। साथ ही विशेष चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शिव भक्त महाशिवरात्रि के पर्व का आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, इस बार फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि का त्योहार 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन शिव मंदिरों में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। साथ ही साधक इस दिन विशेष चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। इनमें बिल्वपत्र भी शामिल है।
धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बिल्वपत्र (Belpatra Chadhane KeNiyam) चढातें समय नियम का पालन करना अधिक आवश्यक होता है। ऐसा माना जाता है इस दौरान कुछ गलतियों को करने से महादेव नाराज हो सकते हैं और पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होगा। ऐसे में आइए जानते हैं शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से जुड़े नियम के बारे में।
शिवलिंग पर चढ़ाएं इतने बिल्वपत्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवलिंग पर 3 या फिर 5 पत्ते बिल्वपत्र के पत्ते चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा 11 भी पत्ते चढ़ाएं जा सकते हैं। बिल्व पत्र को लेते समय ध्यान रखें कि वह कही से कटी-फटा न हो और न ही उस पर कोई दाग-धब्बे हो। मान्यता है कि इस तरह के बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है।
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शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं बिल्वपत्र?
शिवलिंग पर बिल्वपत्र (Belpatra Chadhane Ki Vidhi) चढ़ाने से पहले जल से सही से साफ कर लें। इसके बाद केसर या चंदन से 'ऊँ' लिख दें। अब चिकनी वाली तरफ से शिवलिंग पर अर्पित करें। एक बात का ध्यान रखें कि बिल्वपत्र का उभरा हुआ भाग ऊपर की तरफ होना चाहिए।
शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ
- महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मुरादें जल्द पूरी होती हैं।
- इसके अलावा आर्थिक तंगी की समस्या दूर होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है।
- सभी पापों से छुटकारा मिलता है।
- संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- मन आध्यात्मिक कामों की तरफ बढ़ता है।
- मन को शांति मिलती है और जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं।
बिल्वपत्र चढ़ाते समय इस मंत्र का करें जप (Belpatra Chadhane Ka Mantra)
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्।।
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