Mahashivratri 2025 Date: 26 या 27 फरवरी, कब है महाशिवरात्रि? नोट करें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
फाल्गुन महीने (Mahashivratri 2025 Date) में रोजाना देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। यह महीना पूर्णतया भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होता है। इस महीने में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिष मनचाहा वरदान पाने के लिए भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। महाशिवरात्रि की तिथि यानी सही डेट को लेकर साधक दुविधा में हैं। आइए, महाशिवरात्रि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं।
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कैसे की जाती है तिथि की गणना?
सनातन धर्म में सूर्योदय यानी सूरज के उगने के बाद से तिथि की गणना की जाती है। आमतौर पर सभी त्योहार उदया तिथि गणना अनुसार मनाया जाता है। वहीं, कृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गा अष्टमी और कालाष्टमी समेत अष्टमी तिथि को समर्पित पर्व और प्रदोष व्रत में उदया तिथि मान्य नहीं होता है।
महाशिवरात्रि कब है? (Mahashivratri 2025 Date And Time)
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी और 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। महाशिवरात्रि पर निशा काल में भगवान शिव संग मां पार्वती की विशेष पूजा-भक्ति की जाती है। अत: उदया तिथि और निशाकाल दोनों गणना से 26 फरवरी की तारीख महाशिवरात्रि के लिए उत्तम है। इसके लिए 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि पूजा समय
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर प्रदोष काल में पूजा का समय शाम 06 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 26 मिनट तक है। इसके बाद निशा काल के लिए पूजा का समय 09 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 34 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर भगवान शिव की पूजा-भक्ति कर सकते हैं। वहीं, मनचाहा वरदान पाने के लिए निशा काल में अवश्य ही पूजा-भक्ति करें।
महाशिवरात्रि पारण समय
ज्योतिषियों की मानें तो साधक 27 फरवरी को पारण कर सकते हैं। इस दिन पारण का समय सुबह 06 बजकर 48 मिनट से लेकर 08 बजकर 54 मिनट तक है। व्रती सुबह 06 बजकर 48 मिनट से लेकर 08 बजकर 54 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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