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    Magh Purnima 2025 Date: कब है माघ पूर्णिमा? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    धार्मिक मत है कि माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025 Date) पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन पूर्णिमा का व्रत भी रखा जाता है। साथ ही सत्यनारायण जी की पूजा की जाती है। सत्यनारायण पूजा सामान्य दिनों में भी की जा सकती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 21 Jan 2025 08:57 PM (IST)
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    Magh Purnima 2025 Date: माघ पूर्णिमा स्नान-दान का समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में माघ महीने का खास महत्व है। यह महीना पूर्णतया मां गंगा को समर्पित होता है। अतः माघ महीने में रोजाना गंगा स्नान का विधान है। इस महीने में गंगा स्नान करने से साधक को अमोघ एवं अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मौनी अमावस्या एवं माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान किया जाता है।

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    धार्मिक मत है कि माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा करने से साधक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए पाप धुल जाते हैं। साथ ही अश्वमेघ यज्ञ समतुल्य फल प्राप्त होता है। माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025 Date) पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की शुरुआत 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा।

    माघ पूर्णिमा शुभ योग (Magh Purnima Shubh Yog)

    माघ पूर्णिमा पर सौभाग्य और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, अश्लेषा और मघा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग है। इन योग में गंगा स्नान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 59 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से 03 बजकर 11 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 32 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।