Magh Gupt Navratri 2025: कब से शुरू हो रहे हैं माघ गुप्त नवरात्र? यहां जानें इससे जुड़ी सारी जानकारी
प्रकट नवरात्र की तरह ही साल में 02 बार गुप्त नवरात्र भी मनाए जाते हैं। एक गुप्त नवरात्र माघ माह में आते हैं तो वहीं दूसरे गुप्त नवरात्र आषाढ़ माह में मनाए जाते हैं। गुप्त नवरात्र में मुख्य रूप से 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना का विधान है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि माघ माह के गुप्त नवरात्र कब से शुरू हो रहे हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुप्त नवरात्र (Magh Gupt Navratri 2025) में भी नौ दिनों तक आदिशक्ति के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इसे लेकर यह मान्यता है कि गुप्त नवरात्र की पूजा जितने गुप्त तरीके से की जाए, उनका फल उनका ही अधिक मिलता है। यह अवधि मुख्य रूप से तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए विशेष मानी जाती है।
इस दिन से हो रही है शुरुआत ( Magh Gupt Navratri Start Date)
माह गुप्त नवरात्र की शुरुआत माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है, जिसका समापन नवमी तिथि पर होगा। ऐसे में साल 2025 में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत गुरुवार, 30 जनवरी से हो रही है, जिसका समापन शुक्रवार, 07 फरवरी को होगा। इस दौरान घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -
घटस्थापना मुहूर्त - सुबह 09 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
माघ गुप्त नवरात्र का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्र में ही मां दुर्गा, 10 महाविद्याओं के रूप में प्रकट हुई थीं। ऐसे में गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस अवधि में माता दुर्गा की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही जन्म कुंडली के विभिन्न दोषों से भी मुक्ति मिलती है। यह समय विशेष रूप से तंत्र साधना करने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
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कर सकते हैं ये काम
माघ माह की गुप्त नवरात्र के दौरान आप शुभ फलों की प्राप्ति के लिए देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नामों का जाप, दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य और श्रीमद्-देवी भागवत जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से साधक को मां दुर्गा की विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है।
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