Pausha Putrada Ekadashi पर जरूर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय, घर चलकर आएगी सुख-समृद्धि
पंचांग के अनुसार शुक्रवार 10 जनवरी को साल 2025 की पहली एकादशी यानी पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में यदि आप इस तिथि पर तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको और भी लाभ देखने को मिल सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हर माह में दो बार आने वाली एकादशी तिथि (Ekadashi January 2025) पर व्रत करना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन पर मुख्य रूप से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसे में आप पौष माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी पर तुलसी से जुड़े कुछ उपाय कर सकते हैं।
जीवन में बनी रहेगी सुख-शांति
पुत्रदा एकादशी के दिन देवी तुलसी को लाल चुनरी जरूर अर्पित करनी चाहिए। इसी के साथ तुलसी के सामने देसी घी का दीया भी जरूर जलाएं और 7 बार परिक्रमा करते हुए तुलसी मंत्रों का जप करें। ऐसा करने से आपको तुलसी जी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा की प्राप्ति होती है। जिससे जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
(Picture Credit: Freepik)
वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल
एकादशी के दिन तुलसी में कलावा जरूर बांधना चाहिए। इससे आपको जीवन में आ रही आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। इसी के साथ एकादशी पर तुलसी पूजन के समय इस मंत्र का जप कर सकते हैं -
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
यह भी पढ़ें - Magh month 2025 Date: कब से शुरू हो रहा है माघ माह, यहां पढ़ें क्या करें और क्या न करें?
जरूर करें ये काम
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय मानी गई है। ऐसे में एकादशी के दिन भगवान विष्णु को भोग लगाते समय उसमें तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि इसके बिना विष्णु जी का भोग अधूरा माना जाता है।
रखें इन बातों का ध्यान
इस बात का खास-तौर से ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए। इस दिन पर तुलसी को किसी भी प्रकार की हानि न पहुचाएं। ऐसा करने से आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि एकादशी पर तुलसी जी, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत रखती हैं।
यह भी पढ़ें - Jaya Ekadashi 2025 Date: कब मनाई जाएगी जया एकादशी? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।