Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Laxmi Mantra: शुक्रवार के दिन करें मां लक्ष्मी के नामों का मंत्र जप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है। इससे पहले सुख और सौभाग्य की देवी मां लक्ष्मी स्वर्ग में निवास करती थीं। ऋषि दुर्वाशा के श्राप के चलते स्वर्ग लक्ष्मी विहीन हो गया था। कालांतर में समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई। मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Laxmi Puja Vidhi) करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 30 Jan 2025 05:31 PM (IST)
    Hero Image
    Laxmi Mantra: मां लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 31 जनवरी को वैभव लक्ष्मी व्रत है। यह पर्व हर शुक्रवार के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो वैभव लक्ष्मी व्रत रखने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। मां लक्ष्मी की उपासना करने से कुंडली में शुभ ग्रह मजबूत होते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अगर आप भी धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय मां लक्ष्मी के नामों का मंत्र जप करें।

    यह भी पढ़ें: फरवरी माह में कब-कब है प्रदोष व्रत? एक क्लिक में जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

    मां लक्ष्मी के 108 नाम

    ॐ नित्यागतायै नमः

    ॐ अनन्तनित्यायै नमः

    ॐ नन्दिन्यै नमः

    ॐ जनरञ्जन्यै नमः

    ॐ नित्यप्रकाशिन्यै नमः

    ॐ स्वप्रकाशस्वरूपिण्यै नमः

    ॐ महालक्ष्म्यै नमः

    ॐ महाकाल्यै नमः

    ॐ महाकन्यायै नमः

    ॐ सरस्वत्यै नमः

    ॐ भोगवैभवसन्धात्र्यै नमः

    ॐ भक्तानुग्रहकारिण्यै नमः

    ॐ ईशावास्यायै नमः

    ॐ महामायायै नमः

    ॐ महादेव्यै नमः

    ॐ महेश्वर्यै नमः

    ॐ हृल्लेखायै नमः

    ॐ परमायै नमः

    ॐ शक्त्यै नमः

    ॐ मातृकाबीजरूपिण्यै नमः

    ॐ नित्यानन्दायै नमः

    ॐ नित्यबोधायै नमः

    ॐ नादिन्यै नमः

    ॐ जन्मोदिन्यै नमः

    ॐ सत्यप्रत्ययिन्यै नमः

    ॐ स्वप्रकाशात्मरूपिण्यै नमः

    ॐ त्रिपुरायै नमः

    ॐ भैरव्यै नमः

    ॐ विद्यायै नमः

    ॐ हंसायै नमः

    ॐ वागीश्वर्यै नमः

    ॐ शिवायै नमः

    ॐ वाग्देव्यै नमः

    ॐ महारात्र्यै नमः

    ॐ कालरात्र्यै नमः

    ॐ त्रिलोचनायै नमः

    ॐ भद्रकाल्यै नमः

    ॐ कराल्यै नमः

    ॐ महाकाल्यै नमः

    ॐ तिलोत्तमायै नमः

    ॐ काल्यै नमः

    ॐ करालवक्त्रान्तायै नमः

    ॐ कामाक्ष्यै नमः

    ॐ कामदायै नमः

    ॐ शुभायै नमः

    ॐ चण्डिकायै नमः

    ॐ चण्डरुपेशायै नमः

    ॐ चामुण्डायै नमः

    ॐ चक्रधारिण्यै नमः

    ॐ त्रैलोक्यजनन्यै नमः

    ॐ देव्यै नमः

    ॐ त्रैलोक्यविजयोत्तमायै नमः

    ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः

    ॐ क्रियालक्ष्म्यै नमः

    ॐ मोक्षलक्ष्म्यै नमः

    ॐ प्रसादिन्यै नमः

    ॐ उमायै नमः

    ॐ भगवत्यै नमः

    ॐ दुर्गायै नमः

    ॐ चान्द्र्यै नमः

    ॐ दाक्षायण्यै नमः

    ॐ शिवायै नमः

    ॐ प्रत्यङ्गिरायै नमः

    ॐ धरायै नमः

    ॐ वेलायै नमः

    ॐ लोकमात्रे नमः

    ॐ हरिप्रियायै नमः

    ॐ पार्वत्यै नमः

    ॐ परमायै नमः

    ॐ देव्यै नमः

    ॐ ब्रह्मविद्याप्रदायिन्यै नमः

    ॐ अरूपायै नमः

    ॐ बहुरूपायै नमः

    ॐ विरूपायै नमः

    ॐ विश्वरूपिण्यै नमः

    ॐ पञ्चभूतात्मिकायै नमः

    ॐ वाण्यै नमः

    ॐ पञ्चभूतात्मिकायै नमः

    ॐ परायै नमः

    ॐ कालिम्नयै नमः

    ॐ पञ्चिकायै नमः

    ॐ वाग्म्यै नमः

    ॐ हविषे नमः

    ॐ प्रत्यधिदेवतायै नमः

    ॐ देवमात्रे नमः

    ॐ सुरेशानायै नमः

    ॐ वेदगर्भायै नमः

    ॐ अम्बिकायै नमः

    ॐ धृतये नमः

    ॐ सङ्ख्यायै नमः

    ॐ जातये नमः

    ॐ क्रियाशक्त्यै नमः

    ॐ प्रकृत्यै नमः

    ॐ मोहिन्यै नमः

    ॐ मह्यै नमः

    ॐ यज्ञविद्यायै नमः

    ॐ महाविद्यायै नमः

    ॐ गुह्यविद्यायै नमः

    ॐ विभावर्यै नमः

    ॐ ज्योतिष्मत्यै नमः

    ॐ महामात्रे नमः

    ॐ सर्वमन्त्रफलप्रदायै नमः

    ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः

    ॐ देव्यै नमः

    ॐ हृदयग्रन्थिभेदिन्यै नमः

    ॐ सहस्रादित्यसङ्काशायै नमः

    ॐ चन्द्रिकायै नमः

    ॐ चन्द्ररूपिण्यै नमः

    यह भी पढ़ें: फरवरी महीने में इन राशियों की बदलेगी फूटी किस्मत, बनेंगे सारे बिगड़े काम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।