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    Masik Durgashtami 2025: पौष माह के अंतिम मंगलवार पर करें इन मंत्रों का जप, पूरी होगी मनचाही मुराद

    ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिव और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग है। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा (Masik Durgashtami 2025 Puja Vidhi) करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। साथ ही मां का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 06 Jan 2025 03:41 PM (IST)
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    Masik Durgashtami 2025: कैसे करें मां दुर्गा को प्रसन्न?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 07 जनवरी को मासिक दुर्गा अष्टमी है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि मासिक दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साधक श्रद्धा भाव से अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय मां पार्वती के नामों का मंत्र जप करें।

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    मां पार्वती के 108 नाम

    1. ॐ पार्वतीयै नमः
    2. ॐ महा देव्यै नमः
    3. ॐ जगन्मात्रे नमः
    4. ॐ सरस्वत्यै नमः
    5. ॐ चण्डिकायै नमः
    6. ॐ लोक जनन्यायै नमः
    7. ॐ सर्वदेवादि देवतायै नमः
    8. ॐ शिवदुत्यै नमः
    9. ॐ विशालाक्ष्यै नमः
    10. ॐ चामुण्डायै नमः
    11. ॐ विष्णु सोदर्यै नमः
    12. ॐ चित्कलायै नमः
    13. ॐ चिन्मयाकरायै नमः
    14. ॐ महिषासुर मर्दन्यायै नमः
    15. ॐ कात्यायन्यै नमः
    16. ॐ काला रूपायै नमः
    17. ॐ गौरीयै नमः
    18. ॐ परमायै नमः
    19. ॐ ईशायै नमः
    20. ॐ नागेन्द्र तनयै नमः
    21. ॐ रौद्र्यै नमः
    22. ॐ कालरात्र्यै नमः
    23. ॐ तपस्विन्यै नमः
    24. ॐ गिरिजायै नमः
    25. ॐ मेनकथमजयै नमः
    26. ॐ भवन्यै नमः
    27. ॐ जनस्थानायै नमः
    28. ॐ वीर पथ्न्यायै नमः
    29. ॐ विरुपाक्ष्यै नमः
    30. ॐ वीराराधिथयै नमः
    31. ॐ हेमा भासयै नमः
    32. ॐ सृष्टि रूपायै नमः
    33. ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नमः
    34. ॐ मातृकायै नमः
    35. ॐ महागौर्यै नमः
    36. ॐ रामायै नमः
    37. ॐ रामायै नमः
    38. ॐ शुचि स्मितयै नमः
    39. ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः
    40. ॐ राज्य लक्ष्म्यै नमः
    41. ॐ शिव प्रियायै नमः
    42. ॐ नारायण्यै नमः
    43. ॐ महा शक्तियै नमः
    44. ॐ नवोदयै नमः
    45. ॐ भाग्य दायिन्यै नमः
    46. ॐ अन्नपूर्णायै नमः
    47. ॐ सदानंदायै नमः
    48. ॐ यौवनायै नमः
    49. ॐ मोहिन्यै नमः
    50. ॐ सथ्यै नमः
    51. ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
    52. ॐ शर्वाण्यै नमः
    53. ॐ देव मात्रे नमः
    54. ॐ त्रिलोचन्यै नमः
    55. ॐ ब्रह्मण्यै नमः
    56. ॐ वैष्णव्यै नमः
    57. ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नमः
    58. ॐ ज्ञान गमयै नमः
    59. ॐ नित्यायै नमः
    60. ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नमः
    61. ॐ कमलयै नमः
    62. ॐ कमलाकारायै नमः
    63. ॐ रक्तवर्णयै नमः
    64. ॐ कलानिधाय नमः
    65. ॐ मधु प्रियायै नमः
    66. ॐ कल्याण्यै नमः
    67. ॐ करुणायै नमः
    68. ॐ हरवः समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नमः
    69. ॐ धराधारा भवायै नमः
    70. ॐ मुक्तायै नमः
    71. ॐ वर मंत्रायै नमः
    72. ॐ शम्भव्यै नमः
    73. ॐ प्रणवथ्मिकायै नमः
    74. ॐ श्री महागौर्यै नमः
    75. ॐ रामजानयै नमः
    76. ॐ यौवनाकारायै नमः
    77. ॐ परमेष प्रियायै नमः
    78. ॐ परायै नमः
    79. ॐ पुष्पिन्यै नमः
    80. ॐ पुष्प कारायै नमः
    81. ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नमः
    82. ॐ महा रूपायै नमः
    83. ॐ महा रौद्र्यै नमः
    84. ॐ कामाक्ष्यै नमः
    85. ॐ वामदेव्यै नमः
    86. ॐ वरदायै नमः
    87. ॐ वर यंत्रायै नमः
    88. ॐ काराप्रदायै नमः
    89. ॐ कल्याण्यै नमः
    90. ॐ वाग्भव्यै नमः
    91. ॐ देव्यै नमः
    92. ॐ क्लीं कारिण्यै नमः
    93. ॐ संविधेय नमः
    94. ॐ ईश्वर्यै नमः
    95. ॐ ह्रींकारं बीजायै नमः
    96. ॐ भय नाशिन्यै नमः
    97. ॐ वाग्देव्यै नमः
    98. ॐ वचनायै नमः
    99. ॐ वाराह्यै नमः
    100. ॐ विश्व तोशिन्यै नमः
    101. ॐ वर्धनेयै नमः
    102. ॐ विशालाक्ष्यै नमः
    103. ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नमः
    104. ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नमः
    105. ॐ अम्बायै नमः
    106. ॐ निखिला योगिन्यै नमः
    107. ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नमः
    108. ॐ तरोर्मुला तलंगथयै नमः

    शिवमङ्गलाष्टकम्

    भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

    कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मङ्गलम् ॥

    वृषारूढाय भीमाय व्याघ्रचर्माम्बराय च ।

    पशूनां पतये तुभ्यं गौरीकान्ताय मङ्गलम् ॥

    भस्मोद्धूलितदेहाय व्यालयज्ञोपवीतिने ।

    रुद्राक्षमालाभूषाय व्योमकेशाय मङ्गलम् ॥

    सूर्यचन्द्राग्निनेत्राय नमः कैलासवासिने ।

    सच्चिदानन्दरूपाय प्रमथेशाय मङ्गलम् ॥

    मृत्युंजयाय सांबाय सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे ।

    त्र्यंबकाय सुशान्ताय त्रिलोकेशाय मङ्गलम् ॥

    गंगाधराय सोमाय नमो हरिहरात्मने ।

    उग्राय त्रिपुरघ्नाय वामदेवाय मङ्गलम् ॥

    सद्योजाताय शर्वाय दिव्यज्ञानप्रदायिने ।

    ईशानाय नमस्तुभ्यं पञ्चवक्त्राय मङ्गलम् ॥

    सदाशिवस्वरूपाय नमस्तत्पुरुषाय च ।

    अघोराय च घोराय महादेवाय मङ्गलम् ॥

    मङ्गलाष्टकमेतद्वै शंभोर्यः कीर्तयेद्दिने ।

    तस्य मृत्युभयं नास्ति रोगपीडाभयं तथा ॥

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