Partial Lunar Eclipse or Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें
Partial Lunar Eclipse or Chandra Grahan 2019 ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र हमें बता रहे हैं कि चंद्र ग्रहण के समय व्यक्ति को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
Partial Lunar Eclipse or Chandra Grahan 2019: आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा यानी 16 जुलाई दिन मंगलवार को चन्द्र ग्रहण लगने वाला है, जो भारत में दृश्य होगा। ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है, जिससे व्यक्ति का जीवन भी प्रभावित होता है। ऐसे समय में व्यक्ति को ईश्वर का स्मरण करना होता है, चंद्र दर्शन की मनाही होती है, खासकर गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है।
ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र हमें बता रहे हैं कि चंद्र ग्रहण के समय व्यक्ति को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के समय से 9 घंटे पूर्व ही प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल में भोजन तथा पेय पदार्थों के सेवन की मनाही है तथा देव दर्शन वर्जित माने गए हैं।
हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य और चन्द्र ग्रहण लगने के समय भोजन करने के लिये मना किया है, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के समय में कीटाणु बहुलता से फैल जाते हैं। इससे बचने के लिये ऋषियों ने पात्रों में कुश अथवा तुलसी डालने को कहा है ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके।
ग्रहण के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पात्रों में अग्नि डालकर उन्हें पवित्र बनाया जाता है, ताकि कीटाणु मर जाएं।
ग्रहण काल में क्या न करें
1. ग्रहण के समय तेल लगाना, भोजन करना, जल पीना, सोना, केश बनाना, संभोग करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित हैं।
2. ग्रहण के दौरान सोने से व्यक्ति रोगी होता है। मल त्यागने से पेट में कृमि रोग, मालिश या उबटन लगाने से कुष्ठ रोग और स्त्री प्रसंग से अगले जन्म में सूअर की योनि मिलती है।
3. सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक नरक में वास करता है।
4. चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए (1 प्रहर = 3 घंटे)। बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व खा सकते हैं।
5. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।
6. स्कंद पुराण के अनुसार, ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से 12 वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है।
7. ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
ग्रहण काल में क्या करें
1. ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ और जप करना चाहिए।
2. भगवान वेदव्यास जी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है।
3. ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।
4. ग्रहण समाप्त हो जाने पर स्नान करके उचित व्यक्ति को दान करने का विधान है।
5. ग्रहण के बाद पुराना पानी और अन्न नष्ट कर देना चाहिए। नया भोजन पकाया जाता है और ताजा पानी भरकर पीया जाता है।
6. सूर्य या चन्द्र ग्रहण पूरा होने पर उसका शुद्ध बिम्ब देखकर ही भोजन करना चाहिए।
7. ग्रहण काल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि के लिए उसे बाद में धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।
8. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
Lunar Eclipse or Chandra Grahan 2019: इस तारीख को लग रहा है चंद्र ग्रहण, जानें सूतक और ग्रहण काल
गर्भवती महिलाओं को ध्यान देने वाली बातें
1. गर्भवती महिला को सूर्य या चन्द्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए क्योंकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु प्रभावित हो सकता है।
2. गर्भवती महिला को कैंची, चाकू आदि से कोई भी चीज काटने की मनाही होती है। वस्त्र आदि सिलने से भी मना किया जाता है।