Lunar Eclipse 2019: आज लग रहा है Chandra Grahan, जानें सूतक और ग्रहण मोक्ष का समय
Lunar Eclipse or Chandra Grahan 2019 इस वर्ष चंद्र ग्रहण 16 जुलाई दिन मंगलवार को लग रहा है इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा भी है।
Lunar Eclipse or Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण आज 16 जुलाई दिन मंगलवार को लग रहा है, इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा भी है। हिन्दू धर्म में चंद्र ग्रहण और पूर्णिमा दोनों का ही खास महत्व है। एक बात और ध्यान रखने वाली है कि इस बार की गुरु पूर्णिमा भी 16 जुलाई को है, जिस पर चंद्र गहण का साया है। इस दिन गुरु पूर्णिमा का उत्सव एवं गुरु पूजन इत्यादि सूतक काल से पूर्व ही सम्पन्न करना शुभ रहेगा।
चंद्र ग्रहण का समय
भारतीय मानक समयानुसार, चंद्र ग्रहण का प्रारंभ 16 जुलाई की रात्रि 1 बजकर 31 मिनट पर हो रहा है। ग्रहण का मध्य काल रात्रि 3 बजकर 1 मिनट पर तथा चंद्र ग्रहण का मोक्ष रात्रि 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। सम्पूर्ण चंद्र ग्रहण का समय 2 घण्टा 59 मिनट है।
सूतक काल
सूर्य ग्रहण में सूतक काल ग्रहण के प्रारंभ से 12 घंटे पूर्व ही लग जाता है, ठीक वैसे ही चंद्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण प्रारंभ से 9 घंटे पूर्व लगता है। ऐसे में चंद्र ग्रहण का प्रारंभ रात में 01:31 बजे हो रह है तो सूतक काल 9 घंटे पूर्व यानी शाम को 04:30 बजे से ही लग जाएगा। चंद्र गहण के मोक्ष होने तक सूतक काल होता है।
कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण का स्पर्श, मध्य, मोक्ष पूरे भारत में देखा जा सकेगा। भारत के अतिरिक्त यह आॅस्ट्रेलिया, एशिया (उत्तर-पूर्वी भाग को छोड़ कर), अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग में दिखाई देगा।
चन्द्रास्त के समय ग्रहण का प्रारम्भ न्यूजीलैण्ड के कुछ भाग, आॅस्ट्रेलिया के पूर्वी भाग, उत्तर तथा दक्षिण कोरिया, चीन के उत्तरी भाग तथा रूस के कुछ भाग में दिखाई देगा। चन्द्रोदय के समय ग्रहण का अन्त अर्जेन्टिना, चिली, बोलीविया, ब्राजील के पश्चिमी भाग, पेरु तथा उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
इसलिए लगता है चंद्र ग्रहण
सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की स्थितियों में बदलाव के कारण सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण लगता है। सौरमंडल में जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो चंद्र ग्रहण लगता है। इस स्थिति में सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी होती है और चंद्रमा पृथ्वी से ढक जाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के ओट से निकलता है तब चंद्र गहण लगता है।
— ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र