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    Lunar Eclipse 2025: चैत्र नवरात्र के बाद कब लगेगा चंद्र ग्रहण, नोट करें सूतक एवं समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Mar 2025 06:50 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) के दौरान वृषभ और कर्क राशि के जातकों पर मायावी ग्रह राहु की कुदृष्टि पड़ती है। इस दौरान वृषभ और कर्क राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत होती है। ग्रहण के दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु के नामों का जप करें। साथ ही ग्रहण के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।

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    Lunar Eclipse 2025: चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chandra Grahan 2025 Date: सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण का खास महत्व है। शास्त्रों में निहित है कि चंद्र देव और राहु के मध्य (बीच) शत्रुवत संबंध है। वहीं, ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर मायावी ग्रह राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके लिए ग्रहण के समय खानपान समेत मांगलिक काम करने की मनाही होती है। अनदेखी करने से जातक पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

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    राहु और केतु मायावी ग्रह हैं। दोनों व्यक्ति को भ्रमित करते हैं। कई बार भ्रम की स्थिति में व्यक्ति या जातक गलत फैसले ले लेता है। इससे व्यक्ति को आर्थिक नुकसान होता है। साथ ही व्यक्ति गलत संगतियों में भी चला जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    कब लगता है ग्रहण?

    मायावी ग्रह राहु द्वारा सूर्य और चंद्र देव का ग्रास करने से ग्रहण लगता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि को लगता है। वहीं, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को लगता है। ग्रहण के दौरान शुभ काम नहीं करना चाहिए। वहीं, खानपान का भी त्याग करना चाहिए। ग्रहण के समय भगवान शिव और विष्णु जी के नामों का जप करना चाहिए।

    कब लगेगा दूसरा चंद्र ग्रहण?

    तत्कालीन ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 07 सितंबर को लगेगा। इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा है। आसान शब्दों में कहें तो भाद्रपद पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण 07 सितंबर को भारतीय समयानुसार रात 09 बजकर 58 मिनट से लेकर देर रात 01 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। 

    सूतक

    साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 07 सितंबर को लगेगा। यह भारत में दिखाई देगा। इसके लिए सूतक भी मान होगा। चंद्र ग्रहण के दिन सूतक दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से शुरू होगा। वहीं, देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर चंद्र ग्रहण और सूतक समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण के दिन सूतक 9 घंटे पहले लगता है। वहीं, सूर्य ग्रहण के दिन 12 घंटे पहले सूतक लगता है। ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान कर विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।