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    Kashi Vishwanath Mandir में कब की जाती है Mangla Aarti और क्या है धार्मिक महत्व?

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Mar 2025 02:21 PM (IST)

    देवों के देव महादेव की महिमा निराली है। अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से साधक के जीवन में सुखों का आगमन होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त हर एक परेशानी दूर हो जाती है। साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन मंगला आरती (Mangla Aarti Significance) की जाती है।

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    Kashi Vishwanath Mandir: काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त त्रयोदशी तिथि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    धार्मिक मत है कि देवों के देव महादेव के शरणागत रहने वाले साधकों को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है। हर समय मौज ही मौज रहता है। इसके लिए भक्तजन भगवान शिव की कठिन भक्ति एवं साधना करते हैं। इस शुभ अवसर पर पूजा एवं आरती करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती (Kashi Vishwanath Temple Mangla Aarti) कब की जाती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।

    यह भी पढ़ें: जानें, क्यों काल भैरव देव को बाबा की नगरी का कोतवाल कहा जाता है?

    काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir)

    उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में स्थित विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि बनारस बाबा की नगरी है। आसान शब्दों में कहें तो बनारस को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। कालांतर में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और शिव जी बनारस में रहते थे। यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के तट पर है।

    ऐसा मत है कि गंगा स्नान कर काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। समस्त विश्व के भक्तजनों में काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रति अगाध श्रद्धा है। इसके लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन हेतु काशी विश्वनाथ मंदिर हेतु बनारस आते हैं। इस मौके पर श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं।  

    कब होती है मंगला आरती?

    काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में 03 बजे से लेकर सुबह 04 बजे तक किया जाता है। मंगला आरती सूर्योदय से डेढ़ घंटा पहले किया जाता है। सूर्योदय से डेढ़ घंटे पहले की अवधि को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। ब्रह्म मुहूर्त बेहद ही शुभ होता है। इस समय से तम (अंधेरा यानी रात) दूर होने लगता है। इससे समस्त चराचर के जीव-जंतु और मानव जागृत अवस्था में आने लगते हैं। इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त में मंगला आरती की जाती है। भक्तों को मंगला आरती में शामिल होने के लिए देर रात 03 बजे तक प्रवेश की अनुमति होती है।

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    मंगला आरती (Mangla Aarti Significance)

    धार्मिक मत है कि मंगला आरती करने से जीवन में मंगल का आगमन होता है। जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की परेशानी दूर होती है। साधक पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है। बड़ी संख्या में भक्तजन मंगला आरती में शामिल होते हैं।  

    Source:- shrikashivishwanath.org

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।